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पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंपा

Published on May 14, 2025 by Vivek Kumar

पाकिस्तान ने बुधवार को बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया। शॉ को 21 दिन पहले पंजाब में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में लिया था।

बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि जवान को आज सुबह 10:30 बजे अमृतसर जिले के अटारी संयुक्त चेक पोस्ट (JCP) पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बीएसएफ को सौंपा गया। यह स्थान पाकिस्तान के वाघा के ठीक सामने स्थित है।

बीएसएफ द्वारा जारी की गई तस्वीर में जवान शॉ को दाढ़ी के साथ, बिखरे बाल और गहरे हरे रंग की गोल गले वाली टी-शर्ट में देखा गया।

प्रवक्ता ने कहा, "आज सुबह 10:30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान से वापस लिया गया।"

उन्होंने बताया कि शॉ ने 23 अप्रैल को सुबह करीब 11:50 बजे ड्यूटी के दौरान फिरोज़पुर सेक्टर में "अनजाने में" पाकिस्तान की सीमा पार कर ली थी, जिसके बाद उन्हें पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया।

अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि जवान का पूरा शारीरिक परीक्षण और मेडिकल जांच की जाएगी, इसके बाद उन्हें काउंसलिंग और 'डीब्रीफिंग' (पूछताछ) से गुजरना होगा, जिसमें 21 दिनों की पाकिस्तानी हिरासत से जुड़ी जानकारी ली जाएगी।

पूर्णम शॉ 24वीं बीएसएफ बटालियन से जुड़े हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें फिलहाल सक्रिय ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा और पंजाब फ्रंटियर द्वारा गठित एक आधिकारिक जांच का हिस्सा होंगे, जो उनकी गिरफ्तारी की पूरी घटना की जांच करेगी और यदि कोई चूक हुई हो, तो उसे उजागर करेगी।

बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा, "जवान को सीमा पर सौंपने की प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी की गई।" उन्होंने कहा, "बीएसएफ द्वारा नियमित फ्लैग मीटिंग्स और अन्य संवाद माध्यमों के जरिए किए गए लगातार प्रयासों के चलते कांस्टेबल शॉ की वापसी संभव हो पाई है।"

शॉ की गिरफ्तारी पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

शॉ उस 'किसान गार्ड' दल का हिस्सा थे, जिसे उन भारतीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, जो बाड़ के आगे जाकर खेत जोतते हैं। अधिकारियों के अनुसार, जवान ने शायद सीमा की रेखा का गलत अनुमान लगा लिया और पास के एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए गए, जहां से उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़ लिया।

पूर्णम शॉ पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के श्रीरामपुर (ऋषड़ा) के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी लगातार बीएसएफ अधिकारियों और मीडिया से संपर्क में थीं और अपने पति की जानकारी व शीघ्र रिहाई की मांग कर रही थीं, विशेषकर भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद बने सैन्य तनाव के मद्देनज़र।

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