नई दिल्ली: आज देशभर में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों और श्रम सुधारों के विरोध में देशभर की लगभग 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी और मजदूर हड़ताल पर हैं। इससे बैंकिंग, बीमा, कोयला खनन, डाक सेवा, सार्वजनिक परिवहन और कई औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज ठप हो गया है।
कौन-कौन सी यूनियनें शामिल हैं?
इस हड़ताल में देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनें शामिल हैं:
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AITUC, INTUC, CITU, HMS, SEWA, AIUTUC, TUCC, LPF, UTUC, आदि।
इनके साथ किसान संगठनों और छात्र संगठनों ने भी समर्थन दिया है।
हड़ताल का मुख्य कारण और मांगें
हड़ताल की प्रमुख मांगें:
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नई श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए।
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निजीकरण की नीतियों पर रोक लगे।
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न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रति माह किया जाए।
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पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
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मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कार्यक्रमों का विस्तार किया जाए।
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बीमा पर GST समाप्त, बैंकिंग सेवाओं की न्यूनतम शेष राशि पर शुल्क हटाया जाए।
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कॉरपोरेट कर्ज वसूली में पारदर्शिता लाई जाए।
किन सेवाओं पर असर?
सेवा | स्थिति |
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बैंक | तकनीकी रूप से खुले, लेकिन 70% से अधिक शाखाएं बंद; एटीएम सेवा भी प्रभावित |
डाक और बीमा | बड़े पैमाने पर कामकाज ठप |
कोयला और खनन | अधिकांश खदानों में उत्पादन रुका |
राज्य परिवहन और मेट्रो | कई राज्यों में बस सेवाएं प्रभावित |
रेल सेवा | संचालन सामान्य, लेकिन कुछ रूटों पर देरी और विरोध |
स्कूल-कॉलेज | अधिकतर खुले, पर उपस्थिति कम |
हॉस्पिटल/एम्बुलेंस | सेवाएं सामान्य, बंद से मुक्त रखी गई हैं |
जनता के लिए सलाह
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बैंकिंग संबंधी काम कल तक टालें।
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एटीएम से पैसे निकालने में परेशानी हो सकती है, पहले ही कैश निकालें।
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जरूरी यात्रा से पहले रेल और बस टाइमिंग जांचें।
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हड़ताल वाले क्षेत्रों से बचें, विरोध प्रदर्शन की संभावना।
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किसी आपात स्थिति में निजी वाहन और हेल्पलाइन नंबरों का सहारा लें।