मुख्य बिंदु:
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ट्रंप ने BRICS देशों को दी 100% आयात शुल्क की धमकी
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संगठन में शामिल हुए नए सदस्य: ईरान, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया
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BRICS देशों का वैश्विक GDP में योगदान 35% तक पहुंचा
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डॉलर के विकल्प की योजना से अमेरिका में बढ़ी चिंता
🇺🇸 ट्रंप की धमकी से क्यों गर्मा गया अंतरराष्ट्रीय माहौल?
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुए BRICS सम्मेलन 2025 के बाद अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने BRICS में शामिल 10 देशों को खुलेआम धमकी देते हुए कहा है कि यदि उन्होंने डॉलर का विकल्प खोजने की कोशिश की, तो उनके सभी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।
ट्रंप का यह बयान न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि यह दर्शाता है कि अमेरिका अब BRICS को एक गंभीर आर्थिक चुनौती मानने लगा है।
क्या है BRICS और क्यों इससे डरता है अमेरिका?
BRICS की शुरुआत 2009 में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की थी। लेकिन अब यह संगठन और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है। 2025 तक इसके कुल 10 सदस्य हो चुके हैं, जिनमें ईरान, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया जैसे देश भी शामिल हैं।
BRICS की ताकत एक नजर में:
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वैश्विक GDP में योगदान: 35% (PPP आधारित)
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विश्व जनसंख्या का हिस्सा: 45%
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वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी: 20%
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2025 तक आपसी व्यापार: $1 ट्रिलियन डॉलर का अनुमान
यह संगठन एक वैकल्पिक आर्थिक ध्रुव बनकर उभरा है, जो G7, IMF और विश्व बैंक जैसे पश्चिमी संस्थानों को सीधी चुनौती देता है।
डॉलर को क्यों लग रहा है झटका?
BRICS देश अब आपसी व्यापार में स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। चीन और रूस पहले ही डॉलर के बजाय युआन और रूबल में व्यापार करने लगे हैं। वहीं BRICS की एक संयुक्त करेंसी पर भी विचार चल रहा है।
ट्रंप को डर है कि यदि BRICS देशों ने डॉलर को पीछे छोड़ा, तो अमेरिका की वैश्विक आर्थिक पकड़ कमजोर हो जाएगी। यही कारण है कि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा:
"अगर BRICS देश डॉलर को छोड़ने की कोशिश करते हैं, तो उन पर 100% टैरिफ लगेगा।"
ट्रंप को BRICS से क्या परेशानी है?
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De-dollarization का डर:
अगर वैश्विक व्यापार में डॉलर का इस्तेमाल घटा, तो अमेरिका की मुद्रा पर निर्भरता कम हो जाएगी। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। -
भूराजनैतिक गठजोड़:
BRICS में रूस, चीन और ईरान जैसे देश अमेरिका के रणनीतिक विरोधी हैं। ट्रंप इसे अमेरिका विरोधी गठबंधन के रूप में देखते हैं। -
ब्रिक्स का न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB):
यह बैंक पश्चिमी फंडिंग संस्थानों का विकल्प बन रहा है। ट्रंप के लिए यह अमेरिका की वित्तीय नीतियों पर नियंत्रण में बाधा है। -
ईरान-अमेरिका टकराव:
BRICS देशों ने हाल ही में ईरान पर अमेरिका-इजरायल के हमलों की निंदा की थी। यह ट्रंप को सीधा व्यक्तिगत हमला लगा।