-
ट्रंप बोले: BRICS अगर डॉलर को कमजोर करेगा तो लगेगा 10% अतिरिक्त टैक्स
-
BRICS देशों का वैश्विक GDP में 40% और आबादी में 45% से अधिक योगदान
-
भारत को भी नहीं मिलेगी छूट, ट्रंप ने कहा- टैरिफ सब पर लागू होगा
-
विशेषज्ञों ने जताई आशंका – अमेरिका को ही झेलना पड़ सकता है झटका
BRICS की आर्थिक ताकत से हिले ट्रंप, छेड़ दी ‘टैरिफ वॉर’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनकी तीखी प्रतिक्रिया BRICS संगठन को लेकर। ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को डॉलर के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाते हुए साफ कहा है –
"अगर BRICS ने डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की, तो 1 अगस्त से सभी देशों को 10% अतिरिक्त टैरिफ देना होगा।"
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर भी लिखा:
“अब अमेरिका लूटने का समय खत्म। हम फेयर डील चाहते हैं, और घमंड करने वालों को कीमत चुकानी होगी।”
ट्रंप को क्या है डर?
BRICS यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका अब ईरान, यूएई, मिस्र, इंडोनेशिया और इथियोपिया को जोड़कर एक विशाल आर्थिक शक्ति बन गया है।
BRICS की ताकत एक नजर में:
-
🌍 वैश्विक GDP में योगदान: 40%
-
👥 ग्लोबल जनसंख्या में हिस्सेदारी: 45%
-
💱 स्थानीय मुद्राओं में व्यापार का बढ़ता चलन
-
🏦 NDB (New Development Bank) का बढ़ता प्रभाव
ट्रंप का डर यह है कि BRICS देश स्थानीय मुद्राओं या साझा करेंसी के ज़रिए व्यापार कर डॉलर की जरूरत को खत्म कर सकते हैं, जिससे अमेरिका की वैश्विक आर्थिक बादशाहत कमजोर हो जाएगी।
🇮🇳 भारत को लेकर क्यों सख्त हुए ट्रंप?
हालांकि भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा व्यापार समझौता अंतिम चरण में है, फिर भी ट्रंप ने साफ कहा:
"भारत भी BRICS का सदस्य है, इसलिए कोई छूट नहीं मिलेगी। 10% टैरिफ वहां भी लागू होगा।"
यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप की भारत यात्रा संभावित है और कई कारोबारी डील्स फाइनल होने वाली हैं।
क्या BRICS से टक्कर अमेरिका को महंगी पड़ेगी?
ट्रंप के टैरिफ की धमकी को लेकर अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की राय बंटी हुई है:
-
कुछ का मानना है कि इससे BRICS देशों में और एकता आएगी
-
कुछ कहते हैं कि इससे अमेरिका में ही महंगाई बढ़ेगी
-
वैश्विक सप्लाई चेन पर असर और डॉलर की साख में गिरावट संभव
एक वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ के अनुसार:
“ट्रंप BRICS को टारगेट कर खुद अमेरिका के घरेलू बाज़ार को ही जोखिम में डाल रहे हैं। ये दांव उल्टा भी पड़ सकता है।”
क्या टैरिफ से थम जाएगा BRICS का सफर?
ब्रिक्स देशों की रणनीति अब सिर्फ आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है।
-
डॉलर को दरकिनार कर व्यापार करना
-
न्यू डेवलपमेंट बैंक के ज़रिए वित्तीय सहयोग
-
यूरेनियम, तेल, डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर में साझा निवेश
यह सब दर्शाता है कि BRICS अब सिर्फ एक समूह नहीं, बल्कि नई विश्व व्यवस्था का चेहरा बनता जा रहा है।