Betting App Promotion Case 2025: अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के प्रचार में शामिल होने के आरोप में 29 फिल्मी सितारे और सोशल मीडिया सेलेब्रिटी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर आ गए हैं। इन सितारों में राणा दग्गुबाती, विजय देवरकोंडा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। एफआईआर के अनुसार, इन हस्तियों ने सोशल मीडिया पर खुलेआम इन ऐप्स का प्रचार किया जिससे आम लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
क्यों फंसे फिल्मी सितारे?
तेलंगाना के साइबराबाद पुलिस स्टेशन में मार्च 2025 में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर यह मामला सामने आया। एफआईआर में बताया गया है कि कुछ फिल्मी सितारे और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स का सोशल मीडिया पर प्रमोशन कर रहे थे। इन प्रमोशनल पोस्ट्स को देखकर आम जनता विशेष रूप से मिडल क्लास और लोअर मिडल क्लास परिवारों के लोग इन ऐप्स पर पैसा लगाने लगे।
करोड़ों का लेन-देन, जनता को भारी नुकसान
शिकायतकर्ता के मुताबिक, इन ऐप्स के जरिए हर दिन करोड़ों रुपये का लेन-देन होता है। जब यूज़र्स अपनी जमा पूंजी हार जाते हैं तो उनके घरों में आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है।
एफआईआर में साफ उल्लेख है कि ये सेलेब्रिटी इन ऐप्स से प्रमोशन के बदले मोटी रकम वसूलते हैं।
ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू
अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन 29 नामों का जिक्र एफआईआर में है, उन सभी को ईडी की तरफ से नोटिस जारी किए जा सकते हैं।
ईडी की जांच का मुख्य फोकस होगा –
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प्रमोशनल पेमेंट्स
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पैसों का स्रोत
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विदेशी फंडिंग और
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ऐप्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट
महादेव बेटिंग ऐप केस से मिलती-जुलती स्थिति
गौरतलब है कि महादेव बेटिंग ऐप केस में भी पहले कई फिल्मी सितारों और सेलेब्रिटीज से पूछताछ हो चुकी है।
उस मामले में भी प्रमोशनल कॉन्ट्रैक्ट्स और पैसों के लेन-देन को लेकर सवाल खड़े हुए थे। अब इस नए मामले में भी ईडी उसी दिशा में जांच करेगी।
आगे क्या हो सकता है?
फिलहाल इस केस में ईडी की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं। सूत्रों का कहना है कि जिन सेलेब्रिटीज ने इन बेटिंग ऐप्स का प्रचार किया है, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। अगर प्रमोशन से संबंधित वित्तीय अनियमितताएं सामने आती हैं, तो गिरफ्तारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
क्या है कानून?
भारत में बिना लाइसेंस के ऑनलाइन सट्टा और बेटिंग अवैध है। इन ऐप्स के माध्यम से धन उगाही और उसका प्रमोशन आईटी एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और गैंबलिंग कानूनों के तहत गंभीर अपराध माना जाता है।