अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2025 के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को घेरने के लिए नया आर्थिक हथियार तैयार किया है। उन्होंने Sanctioning Russia Act 2025 को समर्थन देने का संकेत दिया है, जिसके तहत रूस से तेल, गैस, यूरेनियम जैसे उत्पाद खरीदने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है।
🇮🇳 भारत बना ट्रंप की रणनीति का अगला निशाना
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अमेरिका इस कानून के जरिए उन देशों को दबाव में लाना चाहता है जो रूस से व्यापार कर रहे हैं।
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भारत और चीन इस बिल के सबसे बड़े संभावित लक्ष्य हैं क्योंकि दोनों रूस से 70% से ज्यादा तेल खरीदते हैं।
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ट्रंप ने कहा, "यह मेरे अधिकार में है इसे लागू करना या हटाना, लेकिन मैं इस पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं।"
क्या है Russia Sanctions Bill 2025?
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बिल अप्रैल में सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किया गया।
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प्रस्ताव के अनुसार:
जो देश रूस से ऊर्जा उत्पाद खरीदेंगे, उन पर अमेरिका में भारी टैक्स लगेगा।
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इसका उद्देश्य है रूस पर आर्थिक दबाव बनाना और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में सहयोग करना।
ब्राजील पर पहले ही गिर चुकी है गाज
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ट्रंप ने ब्राजील पर 50% का टैरिफ लागू कर दिया है।
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इसके अलावा श्रीलंका, इराक, मोल्दोवा, ब्रुनेई जैसे देशों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है।
भारत के लिए क्यों बढ़ी मुश्किलें?
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भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर घरेलू बाजार को राहत देता रहा है।
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अमेरिकी कार्रवाई से तेल आयात महंगा, रुपया कमजोर, और महंगाई बढ़ने की आशंका।
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अमेरिका के साथ ट्रेड रिलेशन पर भी असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
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पूर्व विदेश सचिव राजीव भटनागर कहते हैं:
“भारत को अमेरिका से स्पष्ट संवाद करना चाहिए। यह हमारी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ा मामला है।” -
अर्थशास्त्री डॉ. नेहा श्रीवास्तव के अनुसार:
“500% टैरिफ से भारत के निर्यातकों और आयातकों को गहरा झटका लग सकता है।”
भारत के सामने विकल्प क्या हैं?
✔️ कूटनीतिक स्तर पर ट्रंप प्रशासन से बातचीत
✔️ ऊर्जा आयात में विविधता लाना – मिडिल ईस्ट, अफ्रीका की ओर रुख
✔️ BRICS और G20 जैसे मंचों पर वैश्विक समर्थन जुटाना
✔️ घरेलू तेल भंडारण और रिफाइनिंग क्षमताएं बढ़ाना