भगवान शिव का प्रिय माह "सावन" शुरू हो रहा है 11 जुलाई से
श्रावण मास 2025 की शुरुआत शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से हो रही है और यह 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस बार सावन में कुल 4 सोमवार आएंगे, जो भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायक माने जाते हैं।
हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव शंकर को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस मास में भगवान शिव भूलोक पर वास करते हैं और भक्तों की श्रद्धा का उन्हें विशेष फल मिलता है।
11 जुलाई को बन रहे हैं दुर्लभ योग – शास्त्रों में सौ वर्षों में एक बार
इस बार सावन की शुरुआत एक बेहद ही शुभ संयोग में हो रही है। 11 जुलाई 2025 के दिन तीन विशेष और दुर्लभ योग बन रहे हैं:
कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
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शिव योग
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नवम भाव का स्वामी दशम भाव में और दशमेश पंचम भाव में हो तो यह योग बनता है।
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यह अत्यंत शक्तिशाली और शुभ फलदायक योग माना जाता है।
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प्रीति योग
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सूर्य और चंद्र की विशेष स्थिति में यह योग बनता है।
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प्रेम, समर्पण और मंगल कार्यों के लिए यह योग अत्युत्तम होता है।
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आयुष्मान योग
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यह योग दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का कारक होता है।
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जो भी इस योग में व्रत, जप या पूजा करता है, उसे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
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ज्योतिषीय दृष्टिकोण से क्या है खास?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, इस बार सावन 30 दिन नहीं बल्कि 29 दिन का होगा। इसका कारण है कि त्रयोदशी तिथि क्षय रहेगी, जिससे एक दिन कम हो जाएगा।
लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि कम दिन में भी धार्मिक पुण्यफल अधिक मिलेगा क्योंकि शुरुआत ही अत्यंत शुभ योग में हो रही है।
इस बार ग्रह-नक्षत्र भी हैं विशेष
इस बार सावन मास के दौरान कई ग्रहों की चाल भी बदलेगी:
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सूर्य, मंगल और शुक्र राशि परिवर्तन करेंगे
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शनि और बुध वक्री चाल में रहेंगे
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इससे संपूर्ण सावन मास में धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव गहरा रहेगा
सावन में भक्तों को क्या करना चाहिए?
करें ये विशेष कार्य:
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सोमवार को व्रत रखें
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शिवलिंग पर जल, दूध व बेलपत्र चढ़ाएं
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ओम नमः शिवाय का जाप करें
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शिव पुराण, रुद्राष्टक, शिव चालीसा का पाठ करें
बचें इन गलतियों से:
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झूठ बोलना, मांसाहार, शराब और क्रोध से बचें
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शिवलिंग पर तुलसी या केतकी के फूल न चढ़ाएं
सावन क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
सावन केवल एक धार्मिक महीना ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का समय होता है। प्रकृति भी इस महीने में हरियाली से भर जाती है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह सबसे उपयुक्त समय होता है।