Hindi Patrika

शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है? जानिए धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण

Published on July 11, 2025 by Priti Kumari

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा विशेष विधि से की जाती है। जहां एक ओर देवी-देवताओं को हल्दी चढ़ाई जाती है, वहीं शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना गया है। इसके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक सभी दृष्टिकोणों से ठोस कारण हैं।

1. धार्मिक और पौराणिक मान्यता:

  • हल्दी को हिंदू धर्म में सौंदर्य, सौभाग्य और स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है।

  • यह विशेष रूप से देवी पार्वती और विष्णुजी को चढ़ाई जाती है।

  • दूसरी ओर, भगवान शिव को वैराग्य, त्याग और तपस्या का प्रतीक माना जाता है।

  • इसलिए उन्हें स्त्रैण तत्वों जैसे हल्दी, सिंदूर आदि नहीं चढ़ाए जाते।

2. आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

  • शिवलिंग को पुरुष ऊर्जा (शिव तत्व) और हल्दी को स्त्री ऊर्जा (शक्ति तत्व) का प्रतीक माना जाता है।

  • पूजा में इन दोनों तत्वों को बिना संतुलन के मिलाना ऊर्जात्मक असंतुलन पैदा कर सकता है।

  • अतः शिवलिंग पर हल्दी अर्पण करना ऊर्जा संतुलन के विपरीत माना गया है।


3. आयुर्वेदिक कारण (विज्ञान के नजरिए से):

  • हल्दी की प्रकृति गर्म (उष्ण) मानी जाती है, जबकि शिव को शीतलता प्रिय है।

  • शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली चीजें जैसे जल, दूध, बेलपत्र, भांग – ये सभी ठंडी प्रकृति की होती हैं।

  • इसीलिए गर्म तासीर वाली हल्दी उनके पूजन में वर्जित है।

तो शिवलिंग पर क्या चढ़ाया जाता है?

  • शुद्ध जल या गंगा जल

  • दूध, दही, घी, शहद (पंचामृत)

  • बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)

  • सफेद पुष्प (कनेर, आक आदि)

  • धतूरा, भांग

  • चंदन (हल्का)

  • फल और नैवेद्य

 

Categories: धार्मिक समाचार