श्रावण मास यानी सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। यह माह भगवान शिव की आराधना, उपासना, व्रत और भक्ति के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से हो चुकी है, और इस दौरान देशभर के शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
इस पवित्र समय में भगवान शिव के 108 नामों का जाप विशेष फलदायी माना गया है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, बल्कि जीवन में सफलता, शांति और सौभाग्य का भी स्रोत है।
सावन 2025 की विशेषताएं:
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प्रारंभ: 11 जुलाई 2025
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समाप्ति: 8 अगस्त 2025
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कुल सोमवार व्रत: 5
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प्रमुख पूजा विधि: अभिषेक, व्रत, जाप, शिवनाम स्मरण, रुद्राष्टक, महामृत्युंजय मंत्र
भगवान शिव के 108 नाम और उनका जाप
प्रतिदिन या विशेष रूप से सोमवार को स्नान करके शांत मन से इन नामों का जाप करें। प्रत्येक नाम के साथ “ॐ … नमः” का उच्चारण करें।
भगवान शिव के 108 नाम इस प्रकार हैं:
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ॐ भोलेनाथ नमः
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ॐ कैलाशपति नमः
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ॐ भूतनाथ नमः
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ॐ नंदराज नमः
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ॐ नन्दी की सवारी नमः
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ॐ ज्योतिर्लिंग नमः
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ॐ महाकाल नमः
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ॐ रुद्रनाथ नमः
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ॐ भीमशंकर नमः
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ॐ नटराज नमः
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ॐ प्रलयंकर नमः
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ॐ चंद्रमोली नमः
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ॐ डमरूधारी नमः
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ॐ चंद्रधारी नमः
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ॐ मलिकार्जुन नमः
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ॐ भीमेश्वर नमः
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ॐ विषधारी नमः
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ॐ बम भोले नमः
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ॐ ओंकार स्वामी नमः
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ॐ ओंकारेश्वर नमः
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ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
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ॐ विश्वनाथ नमः
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ॐ अनादिदेव नमः
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ॐ उमापति नमः
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ॐ गोरापति नमः
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ॐ गणपिता नमः
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ॐ भोले बाबा नमः
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ॐ शिवजी नमः
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ॐ शम्भु नमः
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ॐ नीलकंठ नमः
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ॐ महाकालेश्वर नमः
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ॐ त्रिपुरारी नमः
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ॐ त्रिलोकनाथ नमः
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ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
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ॐ बर्फानी बाबा नमः
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ॐ जगतपिता नमः
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ॐ मृत्युन्जय नमः
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ॐ नागधारी नमः
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ॐ रामेश्वर नमः
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ॐ लंकेश्वर नमः
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ॐ अमरनाथ नमः
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ॐ केदारनाथ नमः
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ॐ मंगलेश्वर नमः
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ॐ अर्धनारीश्वर नमः
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ॐ नागार्जुन नमः
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ॐ जटाधारी नमः
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ॐ नीलेश्वर नमः
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ॐ गलसर्पमाला नमः
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ॐ दीनानाथ नमः
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ॐ सोमनाथ नमः
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ॐ जोगी नमः
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ॐ भंडारी बाबा नमः
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ॐ बमलेहरी नमः
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ॐ गोरीशंकर नमः
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ॐ शिवाकांत नमः
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ॐ महेश्वराय नमः
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ॐ महेश नमः
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ॐ ओलोकनाथ नमः
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ॐ आदिनाथ नमः
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ॐ देवदेवेश्वर नमः
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ॐ प्राणनाथ नमः
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ॐ शिवम् नमः
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ॐ महादानी नमः
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ॐ शिवदानी नमः
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ॐ संकटहारी नमः
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ॐ महेश्वर नमः
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ॐ रुंडमालाधारी नमः
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ॐ जगपालक नमः
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ॐ पशुपति नमः
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ॐ संगमेश्वर नमः
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ॐ दक्षेश्वर नमः
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ॐ घ्रेनश्वर नमः
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ॐ मणिमहेश नमः
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ॐ अनादी नमः
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ॐ अमर नमः
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ॐ आशुतोष महाराज नमः
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ॐ विलवकेश्वर नमः
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ॐ अचलेश्वर नमः
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ॐ अभयंकर नमः
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ॐ पातालेश्वर नमः
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ॐ धूधेश्वर नमः
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ॐ सर्पधारी नमः
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ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
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ॐ हठयोगी नमः
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ॐ विश्लेश्वर नमः
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ॐ नागाधिराज नमः
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ॐ सर्वेश्वर नमः
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ॐ उमाकांत नमः
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ॐ चंद्रेश्वर नमः
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ॐ त्रिकालदर्शी नमः
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ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
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ॐ महादेव नमः
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ॐ गढ़शंकर नमः
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ॐ मुक्तेश्वर नमः
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ॐ नटेश्वर नमः
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ॐ गिरजापति नमः
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ॐ भद्रेश्वर नमः
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ॐ त्रिपुनाशक नमः
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ॐ निर्जेश्वर नमः
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ॐ किरातेश्वर नमः
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ॐ जागेश्वर नमः
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ॐ अवधूतपति नमः
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ॐ भीलपति नमः
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ॐ जितनाथ नमः
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ॐ वृषेश्वर नमः
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ॐ भूतेश्वर नमः
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ॐ बैजनाथ नमः
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ॐ नागेश्वर नमः
इन नामों के जाप से मिलते हैं विशेष लाभ:
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मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि
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पारिवारिक कलह का समाधान
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रोगों से मुक्ति
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विवाह, संतान और करियर की समस्याओं से छुटकारा
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आध्यात्मिक जागृति और आत्मिक बल
सावन में शिव पूजा की विधि:
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प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करें
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शिवलिंग पर जल, दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, शहद, चंदन आदि अर्पित करें
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108 नामों का जाप शांत मन से करें
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सोमवार को विशेष व्रत और दिनभर उपवास रखें
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रात्रि में शिव तांडव स्तोत्र, रुद्राष्टक या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें