उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और आसपास के जिलों में छांगुर बाबा (जमालुद्दीन) कथित रूप से चलाए जा रहे धर्मांतरण गिरोह का मुखिया बताया जा रहा है। उर्स जैसे धार्मिक आयोजनों की आड़ में हिंदू लड़कियों को मानसिक दबाव, आर्थिक प्रलोभन और ब्रेनवॉश के ज़रिए इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
जांच में सामने आए मुख्य तथ्य
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1500 से ज़्यादा धर्मांतरण: ATS ने एक रजिस्टर बरामद किया है, जिसमें करीब 1500 महिलाओं और युवतियों के धर्म परिवर्तन का उल्लेख है ।
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धर्मांतरण 'रेट कार्ड': ब्राह्मण महिलाओं के लिए 16 लाख रुपये, OBC के लिए 10–12 लाख, और अन्य जातियों के लिए 8–10 लाख रुपये का भुगतान किया जाता था
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बैंक खाते और विदेशी फंडिंग: 40 से अधिक बैंक खातों में 100–106 करोड़ रुपये जमा मिले, जिनमें से अधिकांश धन नेपाली रास्ते से विदेशों से आया था
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कोठी और आश्रमों पर बुलडोजर: बलरामपुर और लखनऊ में बाबा की आलीशान कोठियों को सरकारी बुलडोजर द्वारा ध्वस्त किया गया, जिनका उपयोग धर्मांतरण अभियान संचालित करने के लिए किया जा रहा था ।
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एजेंसियों की प्रतिक्रिया:
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UP ATS ने बाबा और उसकी साथी नीतू उर्फ़ नसरीन को लखनऊ के होटल से गिरफ्तार किया — दोनों 7 दिन की रिमांड पर NIA कोर्ट में पेश किए गए ।
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ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया; शुरुआती जांच में लगभग ₹51–106 करोड़ की विदेशी फंडिंग पता लगी ।
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खुलासों के असर और गंभीरता
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मास्टरमाइंड की पहचान: 15 वर्षों से इस गिरोह का संचालन, जिसमें ब्रेनवॉश, मनोवैज्ञानिक दबाव, “चमत्कारी” अंगूठियों की मदद से धर्मांतरण कराया जाना शामिल है — जिसमें नवविवाहित या विधवा महिलाएं अधिक शिकार हुईं ।
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30–40 सदस्य फरार: ATS के अनुसार, छांगुर बाबा का गिरोह अभी भी 30–40 सदस्यों के साथ सक्रिय है, विशेषकर यूपी, आजमगढ़ और बरेली इलाकों में
अधिकारी-राजनीति की प्रतिक्रिया
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“ऐसी सजा देंगे कि लोग याद रखें… समाज और राष्ट्र विरोधी तत्वों को कड़ी कार्रवाई के साथ चुनौती मिलेगी।”
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महिला आयोग की अध्यक्ष, बबीता चौहान ने गिरोह को “समाज का दुश्मन” बताया और फांसी की सज़ा की मांग की
आगे की कार्रवाई क्या हो सकती है?
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NIA, ATS और ED तीनों एजेंसियां मिलकर गिरोह के नेटवर्क, विदेशी फंडिंग चैनल और अन्य सहयोगियों की जाँच कर रही हैं।
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नाले, आश्रमों और समारोह स्थलों की मॉनिटरिंग तेज की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।
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सख्त नियमन और सुधार: धर्मांतरण नियमों की समीक्षा, धार्मिक आयोजनों की निगरानी बढ़ाई जा रही है।