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"20 जुलाई से पहले बम से उड़ा देंगे" — केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को मिली खौफनाक धमकी

Published on July 12, 2025 by Priti Kumari

नई दिल्ली / पटना।
कभी-कभी सोशल मीडिया महज़ एक मंच नहीं रह जाता, बल्कि नफरत और डर का ज़रिया भी बन जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ, जिन्हें इंस्टाग्राम पर किसी अनजान अकाउंट से बेहद खतरनाक धमकी मिली है। मैसेज में साफ लिखा गया है —
"तुम्हें 20 जुलाई से पहले बम से उड़ा देंगे..."

ये सिर्फ एक धमकी नहीं, बल्कि एक जनप्रतिनिधि को चुप कराने की कोशिश है। और सवाल उठता है – क्या हम सोशल मीडिया की आज़ादी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं?

धमकी आई, एफआईआर दर्ज हुई, जांच शुरू

चिराग पासवान को जैसे ही ये धमकी मिली, उन्होंने तुरंत इसे दिल्ली पुलिस के साइबर सेल को रिपोर्ट किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और उस इंस्टाग्राम अकाउंट के पीछे किसका हाथ है, इसकी तह तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

सूत्रों की मानें तो आरोपी ने फर्जी प्रोफाइल बनाकर ये मैसेज भेजा है, और पुलिस अब तकनीकी विश्लेषण (IP ट्रेसिंग आदि) के ज़रिए उसकी पहचान में जुटी है।

चिराग पासवान: "डरने वाला नहीं हूं"

चिराग पासवान ने इस पूरी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बेहद शांत लेकिन सख्त लहजे में कहा –

"मैं ऐसे लोगों से डरने वाला नहीं हूं। जनता की सेवा करना मेरा कर्तव्य है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए, ताकि कोई और इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।"

उनका यह बयान उन सभी लोगों के लिए एक साफ संदेश है जो सोशल मीडिया की आड़ में अपनी कुंठा और हिंसा फैलाना चाहते हैं।

नेताओं की सुरक्षा और डिजिटल खतरे

आज का युग डिजिटल है, लेकिन इसका एक स्याह पहलू भी है। किसी को धमकी देना अब उतना मुश्किल नहीं रहा — बस एक फर्जी अकाउंट बनाइए, और घिनौनी बातें भेज दीजिए।

इस घटना ने एक बार फिर ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे नेताओं की डिजिटल सुरक्षा पर्याप्त है?
और क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे मामलों में और ज़्यादा ज़िम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए?

राजनीतिक हलचल और समर्थन

इस घटना के बाद कई दलों और नेताओं ने चिराग पासवान के प्रति समर्थन जताया है और इस तरह की हरकत की निंदा की है। विपक्ष और सत्ता पक्ष – दोनों ने यह मांग की है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।

अंत में...

ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी नेता को इस तरह धमकी मिली हो, लेकिन यह ज़रूरी है कि अब हम सिर्फ बयानबाज़ी से आगे बढ़ें।
साइबर अपराध को हल्के में लेने का वक्त नहीं रहा।
यह लोकतंत्र के खिलाफ एक सीधी चुनौती है – और इसका जवाब भी उतना ही सख्त होना चाहिए।

Categories: राष्ट्रीय समाचार