जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाश अभियान बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान एक ट्रक चालक और 50 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार यह ट्रक शुरू में माचेडी-किंडली-मल्हार पहाड़ी सड़क पर सेना के वाहनों के पीछे था। सोमवार को हुए इस हमले में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। टिप्पर चालक पर संदेह जताया गया है और अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उसने पुलिया पर पास मांगकर जानबूझकर (सैन्य) काफिले के निकलने में देरी कराई थी। एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर इन इलाकों में सेना के वाहनों को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन टिप्पर ने फिर भी पास मांगा, जिससे दोनों वाहनों की गति धीमी हो गई। बताया कि कठुआ के अलावा चार जिलों के घने जंगलों में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश के बीच सेना और पुलिस का तलाश अभियान जारी है। यह अभियान तीन अलग-अलग इलाकों कठुआ, उधमपुर और भद्रवाह से शुरू किया गया और इसके परिणामस्वरूप सुरक्षाबलों ने घात लगाकर किए गए हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए 50 लोगों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि आतंकी जंगल में छिपे हैं और उन्हें पकड़ने या फिर मार गिराने के प्रयास जारी हैं। डोडा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में एक और तलाश अभियान जारी है, जहां कठुआ में घात लगाकर किए गए हमले के एक दिन बाद मंगलवार शाम आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। कठुआ में घात लगाकर किए गए हमले से संबंधित तलाश अभियान के बारे में अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर, सांबा, राजौरी और पुंछ जिलों के घने जंगलों के विभिन्न भागों में सेना एवं पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।