बिहार में कोचिंग संस्थानों पर प्रशासन सख्त: पटना में 138 पंजीकरण आवेदन रद्द, जुर्माने का भी प्रावधान

पटना: दिल्ली के कोचिंग हादसे के बाद बिहार में कोचिंग संस्थानों पर प्रशासन की सख्ती बढ़ गई है। राजधानी पटना में 138 कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के लिए किए गए आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर इन संस्थानों की गहन जांच की जाएगी, और यदि अवैध रूप से संचालन पाया जाता है, तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मानकों का पालन न करने वाले संस्थानों पर ताला लग सकता है और 25,000 से 1,00,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

जिलास्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक

जिलास्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार, और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अस्वीकृत आवेदनों की सूची अनुमंडलवार तैयार कर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को सौंप दी जाए। साथ ही, पंजीकरण के लिए लंबित आवेदनों के जल्द निपटारे के निर्देश भी दिए गए हैं।

कड़े नियमों का पालन आवश्यक

कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र के संचालित नहीं हो सकता। प्रत्येक क्लास रूम में प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर जगह होनी चाहिए, और प्रवेश एवं निकास के मार्ग अवरोधमुक्त होने चाहिए। इसके अलावा, बिल्डिंग बायलॉज और अग्नि सुरक्षा के मानकों का भी पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इन मानकों के उल्लंघन को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अधिकारियों द्वारा जांच और नोटिस

जिन कोचिंग संस्थानों में जांच के दौरान कमियां पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। संचालकों और प्रबंधकों को अधिनियम के प्रावधानों के तहत जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाएगा। प्रथम उल्लंघन पर 25,000 रुपये और द्वितीय उल्लंघन पर 1,00,000 रुपये के दंड का प्रावधान है। लगातार दो बार उल्लंघन करने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

कोचिंग संस्थानों पर निगरानी बढ़ाई गई

जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारियों को रद्द किए गए आवेदन वाले संस्थानों की जांच के आदेश दिए हैं। यदि कोई संस्थान बिना पंजीकरण के संचालित होता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

यह सख्ती यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।

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