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डिप्टी सीएम बनने के बाद अजित पवार को राहत: IT ने जब्त संपत्ति की रिलीज की

Published on December 7, 2024 by Vivek Kumar

महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद, अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने उनके परिवार से जुड़ी 1,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को रिलीज कर दिया, जिन्हें 7 अक्टूबर 2021 को बेनामी संपत्ति के आरोप में जब्त किया गया था। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने अपने आदेश में कहा कि प्रॉपर्टीज में हेरफेर या अनियमितता का कोई ठोस प्रमाण विभाग द्वारा पेश नहीं किया जा सका।

आरोपों से बरी, ITAT का बड़ा फैसला

तीन साल पहले, आयकर विभाग ने जरानदेवर चीनी मिल सहित अन्य संपत्तियों को यह कहते हुए कुर्क किया था कि वे बेनामी लेनदेन के जरिए अर्जित की गई थीं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच की थी, जो पहले एमएससीबी घोटाले से जुड़े धन शोधन के आरोपों में फंसी थी। हालांकि, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने पवार और उनके परिवार के खिलाफ सभी आरोप खारिज कर दिए।

जरानदेवर चीनी मिल मामला

जरानदेवर चीनी मिल को एमएससीबी नीलामी के जरिए मुंबई की एक कंपनी ने अधिग्रहित किया था, जिसने बाद में इसे अजित पवार परिवार से जुड़ी फर्म को लंबी अवधि के लिए पट्टे पर दिया। इस पर न्यायाधिकरण ने कहा, "जब तक यह साबित नहीं होता कि बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए धन का हस्तांतरण हुआ है, तब तक केवल पद के आधार पर कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता।"

पॉलिटिकल बैकग्राउंड

एनसीपी नेता अजित पवार, जो पहले अपने चाचा शरद पवार से अलग हो गए थे, भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल हुए और डिप्टी सीएम बने। उन्होंने गुरुवार को अपने नए कार्यकाल की शपथ ली।

बड़ी राहत का राजनीतिक संदर्भ

यह राहत ऐसे समय में आई है जब अजित पवार आयकर और ईडी की जांचों का सामना कर रहे थे। यह फैसला न केवल कानूनी मोर्चे पर उनके लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके राजनीतिक करियर में भी स्थिरता ला सकता है। आयकर विभाग और ईडी के आरोपों से बरी होने के बाद, पवार का परिवार अब इस निर्णय को साफ-सुथरी छवि के रूप में देख रहा है।

Categories: राष्ट्रीय समाचार