बुकर पुरस्कार से सम्मानित अरुंधति राय को ‘निर्भीक और मुखर’ लेखन के लिए गुरुवार को प्रतिष्ठित पेन पिंटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राय 14 साल पहले कश्मीर के बारे में दिए गए अपने बयानों के लिए फिलहाल मुकदमे के खतरे का सामना कर रही हैं। साल 2009 में इंग्लिश पेन नामक चैरिटी द्वारा स्थापित यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेता नाटककार हेरोल्ड पिंटर की स्मृति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दिया जाता है। राय (62) ने इस वर्ष की विजेता घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मुझे पेन पिंटर पुरस्कार स्वीकार करते हुए बहुत खुशी हो रही है। काश हेरोल्ड पिंटर आज हमारे बीच होते और दुनिया में हो रहे समझ से परे घटनाक्रमों के बारे में लिखते। चूंकि वह नहीं हैं, इसलिए हममें से कुछ लोगों को उनका स्थान लेने की कोशिश करनी चाहिए। इस साल के निर्णायक मंडल ने पुरस्कार के लिए राय के नाम का चयन किया, जिसमें इंग्लिश पेन के अध्यक्ष रुथ बोर्थविक, अभिनेता व कार्यकर्ता खालिद अब्दुल्ला और लेखक व संगीतकार रोजर राबिन्सन शामिल हैं।
ब्रिटिश लाइब्रेरी की सह-मेजबानी में आयोजित समारोह में 10 अक्टूबर को राय को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जहां वह भाषण भी देंगी। बोर्थविक ने कहा, राय बौद्धिक और सुंदर तरीके से अन्याय की महत्त्वपूर्ण कहानियां बयां करती हैं। वह वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय विचारक हैं और उनकी शक्तिशाली आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अब्दुल्ला ने कहा, अरुंधति राय स्वतंत्रता और न्याय की एक उज्ज्वल आवाज हैं, जिनके शब्द लगभग 30 वर्षों से अत्यंत स्पष्टता व दृढ़ संकल्प के साथ सामने आ रहे हैं।
साल 2009 में इंग्लिश पेन नामक चैरिटी द्वारा स्थापित यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेता नाटककार हेरोल्ड पिंटर की स्मृति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दिया जाता है।
काश हेरोल्ड पिंटर आज हमारे बीच होते : राय