अदालत का फैसला
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार, 20 जून को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में एक लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर जमानत दी।
जेल से रिहाई
हालांकि, सीएम केजरीवाल गुरुवार को जेल से बाहर नहीं आ सके और उनकी रिहाई शुक्रवार को हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है, जिसके चलते केजरीवाल को हाई कोर्ट की सुनवाई तक रिहा नहीं किया जाएगा।
कोर्ट की सुनवाई
गुरुवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और फिर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
गिरफ्तारी और जमानत
सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 10 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। 2 जून को उन्होंने सरेंडर किया और फिर जमानत की अर्जी लगाई, जिस पर कोर्ट ने 20 जून को सुनवाई करते हुए उनके हक में फैसला दिया।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
सीएम केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई। पार्टी की नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सत्यमेव जयते”। आप के सांसद राघव चड्ढा ने लिखा, “सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। ये न्याय की जीत है, सच्चाई की जीत है। अरविंद केजरीवाल जी को बेल देने के लिए माननीय न्यायालय का दिल से धन्यवाद।”
पार्टी का आरोप
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली की आबकारी नीति मामले में उनके नेताओं के खिलाफ बदले की कार्रवाई की जा रही है। सीएम केजरीवाल ने भी कहा है कि इस मामले में जांच एजेंसियों को एक भी रुपया नहीं मिला है और बीजेपी के दबाव में ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की है।
यह घटनाक्रम आम आदमी पार्टी और उनके समर्थकों के लिए राहतभरा है, जबकि ईडी और बीजेपी के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। मामले की आगे की कानूनी प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।