दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की से बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के आरोपी दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की पत्नी को शुक्रवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीमा रानी खाखा की जमानत अर्जी को यह कहकर खारिज कर दिया कि मामला दो परिवारों के बीच विश्वास के हनन से जुड़ा है और इस चरण में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रेमोदय खाखा पर नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के दौरान एक नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार करने का आरोप है और अगस्त 2023 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस के अनुसार नाबालिग आरोपी के एक परिचित की बेटी थी। अधिकारी की पत्नी सीमा रानी भी मामले में आरोपी है। उसने कथित रूप से पीड़िता को गर्भपात के लिए दवाएं भी दी थीं। महिला न्यायिक हिरासत में है। दिल्ली पुलिस के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष सीमा रानी की जमानत याचिका का विरोध किया और दलील दी कि इस अपराध में वह ‘मूक दर्शक’ नहीं थी बल्कि उसकी सक्रिय भूमिका थी। पीड़ित के एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद दंपति को गिरफ्तार किया गया था।