बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है। हाल ही में, बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने जनता के बढ़ते दबाव के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया। पिछले साल नियुक्त हुए ओबैदुल हसन को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का करीबी माना जाता है, और उनका इस्तीफा देश की राजनीति में नए मोड़ का संकेत है।
पिछले कुछ दिनों में, ढाका की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी चीफ जस्टिस और अन्य न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग को लेकर उतर आए हैं। विरोध का नेतृत्व नवगठित अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकारों में से एक, फहमीद अहमद कर रहे हैं। उनका कहना है कि चीफ जस्टिस समेत कुल सात जजों को इस्तीफा देना चाहिए, जो न्यायपालिका में सुधार की मांग के साथ जुड़ा है।
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी थी, लेकिन इसे अचानक रद्द कर दिया गया, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने इस बैठक के रद्द होने की पुष्टि की, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं किया। इस घटनाक्रम के बाद, देशभर में असंतोष और बढ़ गया है, और सुरक्षा बलों को हाई कोर्ट और अन्य संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। हाथों में राष्ट्रीय ध्वज थामे ये प्रदर्शनकारी न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस स्थिति ने शेख हसीना के समर्थकों के बीच चिंता जरूर बढ़ा दी है।
बांग्लादेश में इस समय जो राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है, उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। जनता और सरकार के बीच बढ़ती खाई, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोपों के बीच, बांग्लादेश के भविष्य की दिशा तय होना बाकी है।
बांग्लादेश: चीफ जस्टिस का इस्तीफा, शेख हसीना के करीबी पर छाया संकट
Published on August 10, 2024 by Vivek Kumar
Categories: अंतरराष्ट्रीय समाचार बांग्लादेश