उत्तराखंड उपचुनाव में भाजपा को लगा झटका, कांग्रेस ने मंगलौर सीट छीनी, बद्रीनाथ में दबदबा
Published on July 14, 2024 by Vivek Kumar
उत्तराखंड में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को झटका लगा है। दोनों ही सीट पर कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है। कांग्रेस ने मंगलौर सीट बसपा से छीन ली जबकि बद्रीनाथ में दबदबा कायम रहा। मंगलौर सीट पर भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा, लेकिन बद्रीनाथ सीट खास थी। दोनों सीट पर जीत के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा रखा था। इसके बावजूद भाजपा दोनों सीट हार गई। मंगलौर के साथ ही भाजपा बद्रीनाथ सीट भी हार गई। हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा इतिहास रचने से चूक गई। भाजपा मंगलौर सीट मामूली अंतर से हार गई। भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को तीन बार के विधायक कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने केवल 449 मतों से हराया। भड़ाना को 31,261 मत मिले और काजी को 32,710 मत मिले, जबकि बसपा 19,552 मत पाकर तीसरे स्थान पर रही। वर्ष 2022 में मंगलौर सीट से बसपा के सरबत करीम अंसारी ने कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 600 मतों से हराया था। 2023 में अंसारी की मौत होने के बाद यहां उपचुनाव कराया गया। बसपा ने सहानुभूति मत मिलने की संभावना को देखते हुए दिवंगत विधायक करीम अंसारी के बेटे उबेद-उर- रहमान को यहां से मैदान में उतरा था। मगर वह इसमें सफल नहीं हो सकी। जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन को टिकट दिया था। भाजपा ने हरियाणा के पूर्व विधायक करतार सिंह भड़ाना को भाजपा में शामिल कर यहां से अपना प्रत्याशी बनाया था। राज्य गठन के बाद वर्ष 2000 से अभी तक हुए पांच विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां से एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी। भाजपा यहां से हर बार तीसरे स्थान पर रही। बसपा के टिकट पर काजी दो बार और फिर कांग्रेस के टिकट पर एक बार यानि कुल तीन बार विधायक बने। जबकि बसपा के सरबत करीम अंसारी दो बार चुनाव जीते। उसे इस बार यहां से जीतने की उम्मीद थी। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मंगलौर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा त्रिवेंद्र सिंह रावत को केवल 21 हजार मत मिले थे। उपचुनाव में केवल तीन महीने में ही भाजपा ने यहां से 10 हजार मत ज्यादा हासिल करने में कामयाबी हासिल की है। भले ही बसपा मंगलौर सीट हार गई हो मगर यहां पर पार्टी तीसरे नंबर से दूसरे नंबर पर आ गई। लोकसभा चुनाव के ठीक बीच में कांग्रेस से विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। भंडारी ने बीच चुनाव में भागकर भाजपा की सदस्यता ली है।
हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा इतिहास रचने से चूक गई। भाजपा यह सीट मामूली अंतर से हार गई।
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