जम्मू-कश्मीर नैशनल कांफ्रेंस (नैकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु पर दिए बयान का शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध जताते हुए इसे भारत विरोधी बताया है। उमर अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार के दौरान संसद पर हमले के मामले में दोषी करार दिए गए अफजल गुरु की फांसी को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ। अगर हम होते तो इसकी कतई मंजूरी नहीं देते। भाजपा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के इंडिया गठबंधन के मुख्य सहयोगी, उनके पुराने पारिवारिक मित्र और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का हालिया बयान निश्चित रूप से उनके नापाक, घिनौने, अलगाववादी देश विरोधी मंसूबों का स्पष्ट पर्दाफाश है।
जब उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु का मामला फांसी के लायक नहीं था, तो मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या आपके शासन में काम करने वाली जांच एजेंसियां गलत थीं। क्या यूपीए सरकार के दौरान भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गलत फैसला दिया था? मैं देश के लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि संसद पर हमले पर फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अफजल के अपराध को ‘दुर्लभतम अपराध’ बताया था। उन्होंने कहा कि यह वही पार्टी है जिसने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे और उसी पार्टी के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने अक्तूबर 2020 में कहा था कि वे चीन की मदद से 370 को बहाल करेंगे। कांग्रेस अपनी असली नापाक मंशा को छद्म रूप से दिखा रही है।
वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, क्योंकि राहुल गांधी वहां मौजूद थे और उन लोगों को नैतिक समर्थन दे रहे थे जो ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगा रहे थे। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अफजल गुरु को कानून ने मौत की सजा दी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, यहां तक कि समीक्षा भी हुई लेकिन वह देश विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाया गया। चुनाव जीतने के लिए वह (उमर अब्दुल्ला) कह रहे हैं कि उसे (अफजल गुरु को फांसी देना गलत फैसला था, वह क्या चाहते हैं? मैं इसकी निंदा करता हूं, यह एक गैरजिम्मेदाराना और देश विरोधी बयान है। यह सच्चाई दिखाता है कि वह और उनका परिवार आतंकवादियों के प्रति नरम रुख रखता है। चुनाव जीतने के लिए क्या आप भारत को तोड़ने की बात करेंगे? यह अच्छा है कि उनका असली चेहरा सामने आ गया है।
कश्मीर के लोग और भाजपा भारत को कमजोर करने की उनकी साजिश को सफल नहीं होने देंगे। भाजपा सांसद ने मनोज तिवारी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का बयान सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना है। अफजल को इसलिए फांसी दी गई क्योंकि उसने संसद पर हमले की योजना बनाई थी। आतंकवादी संसद में घुसने में सफल नहीं हो पाए लेकिन हमारे करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। ऐसे में उमर अब्दुल्ला का एक आतंकवादी अफजल गुरु का पक्ष लेना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि ये लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी रह चुके हैं और देश विरोधी व सुप्रीम कोर्ट विरोधी बयान दे रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने एक साक्षात्कार के दौरान संसद पर हमले के मामले में दोषी करार दिए गए अफजल गुरु की फांसी को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ। अगर हम होते तो इसकी कतई मंजूरी नहीं देते। भाजपा ने कहा, उमर अब्दुल्ला का हालिया बयान निश्चित रूप से उनके नापाक, घिनौने, देशविरोधी मंसूबों का स्पष्ट पर्दाफाश है।