नीति आयोग की 27 जुलाई को होने वाली बैठक में अब तक आठ मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक को विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने बहिष्कार करने का एलान किया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय बजट में विभिन्न राज्यों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्री:
- ममता बनर्जी – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख
- भगवंत मान – पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता
- एम. के. स्टालिन – तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम नेता
- सिद्धरमैया – कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता
- सुखविंदर सिंह सुक्खू – हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता
- रेवंत रेड्डी – तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता
- पिनराई विजयन – केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता
- हेमंत सोरेन – झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता
बहिष्कार के कारण:
- केंद्रीय बजट में भेदभाव: मुख्यमंत्रियों का कहना है कि बजट उनके राज्यों के प्रति भेदभावपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों पर जरूरत से ज्यादा ध्यान दिया गया है, जबकि अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई है।
- राज्य निधियों की रोकी गई राशि: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि राज्य की निधियों को रोककर रखा गया है, जिसमें ग्रामीण विकास निधि और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निधि शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब का जीएसटी हिस्सा भी नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान:
ममता बनर्जी ने कहा कि वह नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किया है, जिससे वह नाखुश हैं।
भगवंत मान का बयान:
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय राज्य के हक भी नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की निधियों को रोककर रखा गया है और इसलिए वह नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।
विपक्षी इंडिया गठबंधन का आरोप:
विपक्षी इंडिया गठबंधन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगी राज्यों को जरूरत से ज्यादा लाभ पहुंचा रही है और अन्य राज्यों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष ध्यान दिए जाने का आरोप लगाया है।
अन्य मुख्यमंत्री:
- एम. के. स्टालिन: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने बजट के दिन ही बहिष्कार की घोषणा कर दी थी।
- सिद्धरमैया: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी बजट में भेदभाव का आरोप लगाया है।
- सुखविंदर सिंह सुक्खू: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके राज्य के साथ बजट में भेदभाव किया गया है।
- रेवंत रेड्डी: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने भी बैठक में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
- पिनराई विजयन: केरल के मुख्यमंत्री ने भी बजट में भेदभाव का आरोप लगाया है।
- हेमंत सोरेन: झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके राज्य के साथ बजट में उपेक्षा की गई है।
नीति आयोग की इस बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने उनके राज्यों के साथ बजट में अन्याय किया है और इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं होंगे।