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बजट 2024-25: पूंजीगत लाभ कर में बदलाव से 15,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा

Published on July 26, 2024 by Vivek Kumar

नई दिल्ली: राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को घोषणा की कि 2024-25 के बजट में पूंजीगत लाभ कर की दरों में प्रस्तावित बदलाव से सरकारी खजाने को 15,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलने का अनुमान है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाने के साथ-साथ विभिन्न संपत्तियों को रखने की अवधि को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया है।

पूंजीगत लाभ कर में बदलाव

  • लंबी अवधि और छोटी अवधि की दरें: बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) के लिए सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों को एक वर्ष से अधिक समय तक और असूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों तथा सभी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को कम से कम दो वर्षों तक रखने की अवधि को तर्कसंगत बनाया गया है। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को घटाकर 12.5 फीसद कर दिया गया है, जबकि गैर-सूचीबद्ध बांड और डिबेंचर पर मौजूदा स्लैब दरें लागू रहेंगी।
  • अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर: सूचीबद्ध शेयर, म्यूचुअल फंड और कारोबारी ट्रस्ट की इकाइयों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर (एसटीसीजी) को 15 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद करने का प्रस्ताव है। इससे अपेक्षित अतिरिक्त राजस्व 15,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

सरकार की दृष्टि

  • सरल कराधान प्रणाली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कराधान प्रणाली को सरल बनाना है। उन्होंने बताया कि औसत कराधान घटकर 12.5 फीसद रह गया है, जिसे न्यूनतम स्तर पर लाने का प्रयास किया गया है ताकि बाजार में निवेश को बढ़ावा मिल सके।
  • सरल और तर्कसंगत व्यवस्था: वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि बजट ने पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को अत्यधिक सरल बना दिया है। उन्होंने बताया कि इक्विटी पर 20 फीसद की दर लागू है, जबकि अन्य परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक दरें बढ़ाई गई हैं और दीर्घकालिक दरों को तर्कसंगत बनाया गया है।

विशेषज्ञों की राय

  • अमित माहेश्वरी, एकेम ग्लोबल: कर और परामर्श फर्म एकेम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि नई कर दरों से निवेशकों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है। हालांकि, ये बदलाव कराधान प्रणाली को अधिक तर्कसंगत बनाने की दिशा में एक कदम हैं।
  • रूप भूतरा, आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स: आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के सीईओ (निवेश सेवाएं) रूप भूतरा ने कहा कि पूंजीगत लाभ कर में बदलाव से निवेशक और कंपनियां दोनों को अपनी रणनीतियों में बदलाव लाना पड़ सकता है।
इस बजट में किए गए पूंजीगत लाभ कर के संशोधन से निवेशकों और कंपनियों के लिए कराधान प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे, जिससे लंबे समय के लिए पूंजी प्रबंधन की रणनीतियों में परिवर्तन आ सकता है।

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