23 जुलाई को पेश होगा बजट राहत और कर सुधारों पर नजर, संसद सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक

नई दिल्ली में वित्त मंत्री सीतारमण के साथ आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की लगातार केंद्र में बनी तीसरी सरकार 23 जुलाई को अपना पहला बजट पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित होगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को कहा कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त को समाप्त होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। रिजीजू ने कहा, ‘भारत की माननीय राष्ट्रपति ने भारत सरकार की अनुशंसा पर बजट सत्र, 2024 के लिए 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक संसद के दोनों सदनों की बैठक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।’ संसद में 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार का यह पहला बजट होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में कहा था कि आगामी सत्र में मेरी सरकार अपने इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। ये बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य की दृष्टि का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक निर्णयों के साथ ही अनेक ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे। भारत के तेज विकास की जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों की गति अब और तेज की जाएगी। अप्रैल-जून में हुए लोकसभा चुनाव के कारण फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। सूत्रों के मुताबिक देश में बढ़ती महंगाई के कारण, सरकार आगामी बजट में सबसे कम आय वाले लोगों के लिए टैक्स में छूट देने पर विचार कर सकती है। कई विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में या तो टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है या फिर टैक्स की दरों में कमी की जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार ने 2023 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्टिक वाहनों की 30 फीसद का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कुछ कदमों की घोषणा की जा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के रिकार्ड को तोड़ने के लिए तैयार हैं। इससे पहले भारत के वित्त मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे।

सूत्रों के मुताबिक देश में बढ़ती महंगाई के कारण, सरकार आगामी बजट में सबसे कम आय वाले लोगों के लिए टैक्स में छूट देने पर विचार कर सकती है।

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