उत्तराखंड में लड़कियों से मुलाकात पर लड़कों की गिरफ्तारी का मामला, क्या इससे बचा नहीं जा सकता : हाई कोर्ट

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या नाबालिग लड़कों और लड़कियों के ‘डेट’ पर जाने तथा इस संबंध में लड़कियों के माता-पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराने से जुड़े मामलों में गिरफ्तारियों से बचा जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से यह जांच करने के लिए कहा कि क्या लड़के को गिरफ्तार न करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत एक बयान दर्ज कराना पर्याप्त होगा। अदालत ने कहा, ‘.. ज्यादा से ज्यादा, उन्हें इन चीजों में शामिल न होने की सलाह देने के लिए बुलाया जा सकता है लेकिन गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।’ उसने कहा कि राज्य सरकार मामले की पड़ताल कर सकती है और पुलिस विभाग को सामान्य दिशा निर्देश जारी कर सकती है। अदालत का आदेश एक जनहित याचिका पर आया है, जिसमें लड़की के माता-पिता की शिकायत पर दर्ज मामले में नाबालिग लड़की के साथ ‘डेट’ पर जाने के लिए एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार करने के औचित्य पर सवाल उठाया गया है क्योंकि यह पोक्सो कानून की धारा 3,4,5,6 और 7 के तहत एक अपराध नहीं है। याचिका में कहा गया है कि ऐसे मामलों में लड़कों को ही आम तौर पर अपराधी माना जाता है और सजा दी जाती है जो कि उचित नहीं है। मामले में छह अगस्त को सुनवाई होगी।

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