नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम रख दिया है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “औपनिवेशिक छापों से देश को मुक्त” करने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए लिया गया है।
पोर्ट ब्लेयर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी है।
अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री @narendramodi जी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, आज हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ रखने का निर्णय लिया है। पुराने नाम में औपनिवेशिक छाप थी, जबकि श्री विजयपुरम हमारे स्वतंत्रता संग्राम की विजय का प्रतीक है।”
गृह मंत्री ने समझाया कि पुराने नाम में एक “औपनिवेशिक धरोहर” थी, जबकि नया नाम, श्री विजयपुरम, स्वतंत्रता संग्राम में मिली जीत का प्रतीक है।
अमित शाह ने आगे कहा, “अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में एक अनमोल स्थान है। यह द्वीप समूह, जो कभी चोल साम्राज्य का नौसैनिक आधार था, आज हमारे रणनीतिक और विकासात्मक लक्ष्यों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन सकता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि “यह वही स्थान है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हमारे तिरंगे को पहली बार फहराया था और जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था।”
कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं, ने सोशल मीडिया पर इस निर्णय का स्वागत किया और अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “श्री विजयपुरम का नाम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के समृद्ध इतिहास और वीर लोगों का सम्मान करता है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति और हमारी धरोहर का जश्न मनाने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लिखा, “पुराना नाम औपनिवेशिक शासन की छाप लिए हुए था, लेकिन श्री विजयपुरम का हर उल्लेख अब हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिरोध और बलिदानों को श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करेगा। यह नामकरण औपनिवेशिक छापों से मुक्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लिखा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है, जब हम पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ रख रहे हैं। यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की नेतृत्व में उठाया गया है।”
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लिखा, “यह एक प्रशंसनीय कदम है, जो हमारे देश को औपनिवेशिक धरोहर से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों की अविनाशी भावना को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की स्वतंत्रता संग्राम में केंद्रीय भूमिका को सम्मानित करता है।”