सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान: धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए हिंसा को उचित ठहराया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि अगर राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करनी पड़े, तो इसे धर्म सम्मत माना जा सकता है। उन्होंने इस बयान में कहा कि समाज का एक निश्चित वर्ग हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ करने और मूर्तियों को तोड़ने को अपना अधिकार मानता है।

कानून हाथ में न लेने की चेतावनी

योगी ने सख्त चेतावनी दी कि कोई भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा करेंगे, उन्हें गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अराजकता को स्वीकार नहीं किया जाएगा और जो लोग इस तरह की गतिविधियों में शामिल होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धर्म और अहिंसा का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंदू धर्म अहिंसा को प्राथमिकता देता है, लेकिन जब धर्म और राष्ट्र की रक्षा की बात आती है, तो हिंसा को भी धर्म सम्मत माना जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सन्देश स्वामी प्रणवानंद द्वारा स्थापित भारत सेवाश्रम संघ का मूल आधार रहा है।

बंगाल की स्थिति पर चिंता

योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां सनातन धर्म आज असुरक्षित महसूस कर रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बंगाल ने कई महान हस्तियों को जन्म दिया, लेकिन वर्तमान में वहां लोग त्योहार मनाने में भी डरते हैं।

कार्यक्रम में मां दुर्गा की पूजा

इस दौरान, योगी आदित्यनाथ ने मां दुर्गा की पूजा की और महिलाओं को 100 सिलाई मशीनें वितरित कीं। उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएँ देते हुए समाज के सभी वर्गों के प्रति आस्था का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सीएम ने कहा कि उनके लिए हर धर्म और समुदाय की आस्था का सम्मान होना आवश्यक है, लेकिन अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विरोध का अर्थ बर्बरता नहीं होना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ का यह बयान हाल ही में गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी के संदर्भ में आया है।

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