सीएम योगी का विवादित बयान: ज्ञानवापी को ‘साक्षात विश्वनाथ’ बताया, गोरखपुर में सुनाई आदिशंकर की कहानी

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने वाराणसी के ज्ञानवापी को ‘साक्षात विश्वनाथ’ करार दिया। उनका कहना है कि ज्ञानवापी को आज कुछ लोग ‘मस्जिद’ के रूप में संदर्भित कर रहे हैं, जो उनके अनुसार दुर्भाग्यपूर्ण है।

सीएम योगी ने गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित हिंदी दिवस के कार्यक्रम में आदिशंकर की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि आदिशंकर ने जिस ज्ञानवापी के लिए साधना की, वही ज्ञानवापी आज मस्जिद के रूप में देखा जा रहा है। योगी ने कहा कि ज्ञानवापी साक्षात भगवान शिव का रूप है और इसे गलत तरीके से समझा जा रहा है।

यह पहली बार नहीं है जब सीएम योगी ने ज्ञानवापी पर टिप्पणी की है। पिछले साल जुलाई में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहने से विवाद होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि त्रिशूल और देव प्रतिमाएं मस्जिद के अंदर कैसे आईं, यह सवाल उठता है।

सीएम योगी ने आदिशंकर की कहानी को याद किया, जिसमें उन्होंने बताया कि जब आदिशंकर काशी पहुंचे, तब भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा ली। एक चंडाल के रूप में खड़े होकर भगवान ने आदिशंकर को उनके अद्वैत ज्ञान की सत्यता की चुनौती दी। इस कहानी के माध्यम से सीएम योगी ने ज्ञानवापी को भगवान शिव का प्रतीक बताया।

हिंदी दिवस पर सीएम की अन्य टिप्पणियां

  1. हिंदी की भूमिका: सीएम योगी ने कहा कि हिंदी देश को जोड़ने वाली एक वैधानिक भाषा है, और इसका स्रोत संस्कृत से है। उन्होंने इसे भारतीय भाषाओं और बोलियों की नींव बताया।
  2. भाषा और प्रगति: उन्होंने कहा कि यदि हमारी भाषाएं आत्मसात नहीं की जातीं, तो यह हमारी प्रगति को बाधित कर सकती हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों के हिंदी में उपलब्ध होने की बात भी की।
  3. गोरक्षनाथ और संत साहित्य: सीएम योगी ने महायोगी गोरक्षनाथ की भूमिका को भी रेखांकित किया, जिन्होंने समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का प्रयास किया।

ज्ञानवापी विवाद की पृष्ठभूमि

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की जड़ें 1669 में जाती हैं, जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर का एक हिस्सा तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि इस स्थल पर भगवान विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योर्तिलिंग था। इस विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और हाल ही में ASI ने भी ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया है।

सीएम योगी का बयान ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को एक नई दिशा दे सकता है। उनके बयान और आदिशंकर की कहानी का राजनीतिक और धार्मिक माहौल पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।