भारत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा की मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक विशेष उच्चाधिकार समिति का गठन किया है। इस समिति की स्थापना का उद्देश्य भारत में बांग्लादेश से जुड़ी सीमा पर सुरक्षा के साथ-साथ भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात की जानकारी दी है।
अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि इस समिति का मुख्य कार्य बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों और वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए समिति बांग्लादेश के समकक्ष अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखेगी।
इस समिति में कुल पांच सदस्य होंगे, जिनमें बीएसएफ के पूर्वी कंमाड के अपर महानिदेशक (एडीजी) को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति के अन्य सदस्यों में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल और त्रिपुरा फ्रंटियर मुख्यालय के महानिरीक्षक (आईजी), भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (एलपीएआइ) के सदस्य (योजना और विकास), और एलपीएआइ के सचिव शामिल हैं।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल ही में बांग्लादेश में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर हमले हुए हैं। इन घटनाओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सीमा पर शांति बनाए रखना है। इसके लिए समिति बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगी और स्थिति पर नियमित रूप से नजर रखेगी।