दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को जमानत दी थी। लेकिन, इस फैसले को चुनौती देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की वेकेशनल बेंच ने ED की याचिका पर सुनवाई करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। अब अदालत सोमवार या मंगलवार (24 या 25 जून) को अपना फैसला सुनाएगी।
ED के वकील की दलीलें
ED के वकील एसवी राजू ने निम्नलिखित तर्क पेश किए:
1. PMLA की धारा 45 के प्रावधान: ट्रायल कोर्ट का आदेश प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 45 के विपरीत है। ट्रायल कोर्ट ने ED के तर्कों को ठीक से नहीं सुना।
2. अपराध की आय का उपयोग: ED ने गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी द्वारा अपराध की आय का उपयोग करने के सबूत पेश किए हैं। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने में केजरीवाल की कथित भूमिका भी शामिल है।
3. संवैधानिक पद और जमानत: संवैधानिक पद पर होना जमानत का आधार नहीं हो सकता। हर मंत्री को जमानत मिलना न्यायसंगत नहीं है।
केजरीवाल के वकील की दलीलें
अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने निम्नलिखित तर्क दिए:
1. कोई पैसा नहीं मिला: अरविंद केजरीवाल के पास कोई भी पैसा नहीं मिला है। जांच एजेंसी को सबूत खोजने के लिए किसी आरोपी को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
2. ED के विकृत दृष्टिकोण: ‘ऐलिस इन वंडरलैंड’ की तरह ED का भी विकृति का अपना अर्थ है। उनके अनुसार, त्रुटि विकृति है और जब तक ED के हर तर्क को शब्दशः दोहराया नहीं जाता, तब तक यह विकृति है।
3. ED का रूख: ED का रूख है कि या तो उनका रास्ता मानो या फिर हाईवे। ट्रायल कोर्ट के आदेश में ED द्वारा उठाए गए सभी पहलुओं पर विचार किया गया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें
1. पर्याप्त सबूत नहीं: ED के पास केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। वह किसी भी तरह से सबूत हासिल करने के लिए वक्त ले रही है।
2. सीबीआई केस में नाम नहीं: केजरीवाल का नाम CBI केस या ECIR की FIR में नहीं है।
3. अदालत में तलब नहीं: केजरीवाल को आज तक अदालत ने तलब नहीं किया है।
4. गवाहों की बाध्यता: ED गवाहों को बाध्य करने में विफल रही है।
5. गोवा चुनाव में धनराशि का उपयोग: ED स्पष्ट करने में विफल रही है कि गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने किस प्रकार से धनराशि का उपयोग किया है।
लोअर कोर्ट की जमानत की शर्तें
1. जांच में बाधा नहीं: केजरीवाल जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
2. अदालत में पेशी: जरूरत पड़ने पर केजरीवाल अदालत में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 या 25 जून को अपना फैसला सुनाने की घोषणा की है। ED और केजरीवाल दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत किस पक्ष में फैसला सुनाती है और यह मामला आगे कैसे बढ़ता है।