केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को किसानों से आह्वान किया कि वे अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें। इसके लिए शुरुआती दो वर्षों तक सरकार उन्हें सहूलियत देगी। चौहान ने लखनऊ में ‘प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श’ कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री के ‘धरती मां को रसायनों से बचाने’ के सपने को पूरा करते हुए हम पूरी कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायन स्वस्थ्य रहे। चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उगाए हुए अनाजों, फलों और सब्जियों की बिक्री से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिलेंगे। प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अध्ययन के लिए देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं स्थापित किया जाएंगी। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं और इस अंतर को समझना जरूरी है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि प्राकृतिक खेती अब समय की मांग है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
हरित क्रांति से उत्पादन बढ़ना अधूरा सच : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन बढ़ा, मगर यह अधूरा सच है। उर्वरक की अधिकता से ‘धीमा जहर’ धमनियों में जा रहा है। योगी ने कहा कि एक राज्य में उर्वरक के उपयोग का हश्र ये हुआ कि वहां से ‘कैंसर ट्रेन’ चलानी पड़ी।