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10 साल में पहली बार मोदी सरकार का कोई बिल अटका, वक्फ विधेयक जेपीसी के पास भेजा गया

Published on August 9, 2024 by Vivek Kumar

[caption id="attachment_11843" align="alignnone" width="1920"]For the first time in 10 years, a bill of Modi government got stuck, Wakf bill was sent to JPC For the first time in 10 years, a bill of Modi government got stuck, Wakf bill was sent to JPC[/caption] मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार, पिछले 10 वर्षों में कोई विधेयक संसद में अटक गया है। गुरुवार, 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का फैसला किया गया। इसके साथ ही, राज्यसभा से वक्फ संशोधन विधेयक, 2014 को वापस ले लिया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में विधेयक पेश किया, जिसमें वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन का प्रस्ताव था। हालांकि, विपक्षी दलों के कड़े विरोध और इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला मानने के बाद, सरकार ने इसे जेपीसी के पास भेजने का निर्णय लिया। रीजीजू ने सदन में कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया गया है और यह संविधान के अनुरूप है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए लाया गया है, और सच्चर समिति की सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक पेश किया गया है। सदन में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है और कलेक्टर के माध्यम से वक्फ बोर्ड में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह विधेयक बहुत संवेदनशील है और इसमें जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। इस विवाद के बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं से चर्चा करके जेपीसी का गठन करने और विधेयक को व्यापक चर्चा के लिए समिति के पास भेजने का निर्णय लिया। यह पहली बार है जब मोदी सरकार के तहत कोई विधेयक इस प्रकार से अटक गया और उसे जेपीसी के पास भेजा गया।

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