[caption id="attachment_9493" align="alignnone" width="1920"]

Gang cheating pregnant women by giving them fake HIV positive reports busted, two arrested[/caption]
उत्तर प्रदेश के हरदोई में गर्भवती महिलाओं को फर्जी एचआईवी रिपोर्ट देकर डराने और उनसे पैसे वसूलने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में हरदोई से एक पैथलैब संचालक और श्रावस्ती से एक कथित डॉक्टर को गिरफ्तार किया है।
मामला क्या है?
हरदोई के भरखनी की एक महिला 30 जून को प्रसव के लिए पाली कस्बा स्थित न्यू हिन्द हॉस्पिटल में गई थी। अस्पताल में खून की जांच के बाद लैब संचालक ने डॉक्टर के कहने पर उसकी फर्जी एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट बना दी। इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर हिमांशु पाठक ने महिला के परिजनों को डराकर 60 हजार रुपये वसूल लिए।
सच का खुलासा
अस्पताल में सफलतापूर्वक डिलीवरी के बाद महिला के पति ने दूसरी लैब से एचआईवी की जांच कराई, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद महिला के पति ने सीएमओ से शिकायत की। जांच के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज सिंह ने 12 जुलाई को न्यू हिन्द हॉस्पिटल को सीज कर दिया और 23 जुलाई को लैब संचालक सचिन दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
गिरफ्तारियां और पूछताछ
लैब संचालक सचिन दीक्षित को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सचिन ने बताया कि डॉक्टर हिमांशु पाठक इस रैकेट में शामिल था और उसी ने एचआईवी के नाम पर लोगों को डराकर ठगने की योजना बनाई थी। पुलिस ने हिमांशु पाठक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
आगे की कार्रवाई
इस रैकेट में शामिल आशा बहू रेखा गुप्ता और नर्स लक्ष्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अवैध न्यू हिन्द हॉस्पिटल और फर्जी पैथोलॉजी लैब द्वारा मरीजों को झूठी रिपोर्ट देकर डराने और पैसे ऐंठने का काम किया जाता था। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की योजना बनाई है।
बिना लाइसेंस की लैब
अस्पताल में संचालित पैथलैब बिना लाइसेंस के बरसों से चल रही थी, जिससे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। एचआईवी की फर्जी रिपोर्ट का मामला सामने आने के बाद लैब को सीज कर दिया गया और लैब संचालक की गिरफ्तारी की गई। सूत्रों के अनुसार, इस लैब ने कई मामलों में गलत रिपोर्ट देकर मरीजों को ठगने का काम किया।
सीएमओ का बयान
हरदोई के सीएमओ डॉ. रोहिताश्व कुमार ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डॉक्टर हिमांशु पाठक वास्तव में डॉक्टर हैं या झोलाछाप। अभिलेखों की जांच की जा रही है और फर्जी एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट देकर कितने मरीजों को ठगा गया, इसकी भी जांच की जा रही है।