कोचिंग संस्थानों पर सरकार की कार्रवाई: GST संग्रह में हजारों करोड़ का आंकड़ा

भारतीय कोचिंग संस्थानों की संख्या में लगातार वृद्धि और GST संग्रह में तेज वृद्धि ने एक नई चिंता को जन्म दिया है। 2019 से 2024 के बीच कोचिंग संस्थानों से GST संग्रह में 146 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा 2,241 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,517 करोड़ रुपये हो गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा में प्रस्तुत किए गए इन आंकड़ों के आधार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि GST संग्रह में इस वृद्धि का एक हिस्सा बेहतर वसूली के कारण हो सकता है, लेकिन यह भी कोचिंग बाजार के आकार में वृद्धि का संकेत हो सकता है।

रमेश ने यह भी बताया कि 2023-24 में 5,517 करोड़ रुपये का GST संग्रह उच्च शिक्षा के लिए केंद्रीय बजट आवंटन के लगभग दो-तिहाई के बराबर है। यह वृद्धि कोचिंग उद्योग के विस्तार को दर्शाती है, जो अब सालाना 30,653 करोड़ रुपये का हो सकता है। इस वृद्धि के बावजूद, 2020-21 में GST संग्रह में मामूली गिरावट देखी गई थी, लेकिन इसके बाद के वर्षों में यह आंकड़े बढ़ते गए।

शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी पिछले पांच वर्षों में कोचिंग सेंटरों से GST संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों के विस्तार और उनके GST संग्रह पर सरकार द्वारा नजर रखी जा रही है।

इस बीच, कांग्रेस ने एक व्यापक नीति की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। पार्टी ने कहा कि भारत कोचिंग संस्थानों के तेजी से विस्तार को नियंत्रित करने के लिए एक समग्र नीतिगत समाधान की जरूरत है। शिक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन और अधिक संसाधनों की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है।

दिल्ली सरकार ने हाल ही में नियमों का उल्लंघन करने वाले लगभग 30 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट को सील कर दिया, जिससे स्पष्ट हो गया कि कोचिंग संस्थानों की समस्या पर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस ने इस बढ़ती समस्या को लेकर शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता की बात की है, ताकि छात्रों को बेहतर और सुरक्षित शिक्षा मिल सके।

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