सरकार ने शुक्रवार (18 अप्रैल 2025) को स्पष्ट किया कि ₹2,000 से अधिक की UPI लेनदेन पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने मीडिया में चल रही उन खबरों को गलत, भ्रामक और आधारहीन बताया, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार ऐसे UPI ट्रांजैक्शनों पर GST लगाने पर विचार कर रही है।
✅ क्या कहा सरकार ने?
- "वर्तमान में ऐसी कोई योजना सरकार के पास नहीं है," मंत्रालय ने अपने बयान में कहा।
- GST केवल ऐसे मामलों में लगता है, जहाँ पेमेंट पर MDR (Merchant Discount Rate) जैसे चार्जेस लिए जाते हैं।
- लेकिन, जनवरी 2020 से ही P2M (Person to Merchant) UPI लेनदेन पर MDR खत्म कर दिया गया है।
- इसलिए, UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने का सवाल ही नहीं उठता।
📈 UPI की ग्रोथ
- FY 2019-20 में जहां कुल UPI लेनदेन ₹21.3 लाख करोड़ था, वहीँ FY 2024-25 में यह बढ़कर ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।
- यह दर्शाता है कि देश में डिजिटल पेमेंट को लेकर भरोसा और उपयोग दोनों तेजी से बढ़े हैं।
💡 सरकार क्या कर रही है UPI को बढ़ावा देने के लिए?
- FY 2021-22 से सरकार ने एक प्रोत्साहन योजना शुरू की, जिसमें कम राशि वाले UPI लेनदेन (विशेष रूप से छोटे दुकानदारों के लिए) को बढ़ावा दिया जाता है।
- FY 2022-23 में सरकार ने इसके तहत ₹2,210 करोड़, और FY 2023-24 में ₹3,631 करोड़ का भुगतान किया।
🔍 निष्कर्ष:
- UPI पेमेंट पर GST लगाने की खबर गलत है।
- सरकार की प्राथमिकता है डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना, न कि उस पर टैक्स लगाना।