हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है?
हरतालिका तीज एक पौराणिक व्रत है जो माता पार्वती की भगवान शिव के प्रति समर्पण की कहानी से जुड़ा है। पार्वती ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। इस व्रत को महिलाएं वैवाहिक सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज 2024 का महत्व
यह व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है, जिसमें महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास करती हैं। मां पार्वती की कठिन तपस्या के प्रतीक के रूप में यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। महिलाएं इस दिन सुहाग की सभी चीजों को अर्पित करती हैं।
हरतालिका तीज 2024 पूजन सामग्री
हरतालिका तीज पर पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा
- पीले रंग का कपड़ा
- जनेऊ, सुपारी, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, दही और गंगाजल
- देवी पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री: सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, कंघा, मेंहदी और कुमकुम
हरतालिका तीज 2024 का शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को मनाया जाएगा। पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, और प्रदोष काल शाम 6 बजकर 36 मिनट से शुरू होगा।
हरतालिका तीज 2024 का शुभ योग
इस वर्ष हरतालिका तीज पर रवि योग, शुक्ल योग और चित्रा नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। रवि योग सुबह 9 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा और 7 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा।
हरतालिका तीज की शुभकामनाएं
सोलह श्रृंगार कर मां गौरी की तरह उपवास रखें और श्रद्धा से पूजा करें। मन में श्रद्धा रखेंगे तो भगवान शिव जैसा परिवार मिलेगा। हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं!