हजारीबाग: दो अस्पतालों में छह माह की घायल बच्ची का नहीं हुआ इलाज, गयी जान
Published on June 28, 2024 by Vivek Kumar
उपस्वास्थ्य केंद्र में लगा था ताला, कटकमसांडी सीएचसी ने हजारीबाग रेफर कर दिया
कटकमसांडी (हजारीबाग). झारखंड के ग्रामीण इलाकों के पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) केवल रेफरल अस्पताल बन कर रह गये हैं. यहां स्वास्थ्य केंद्रों की लचर व्यवस्था के कारण लोगों की जान तक चली जा रही है. गुरुवार को हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के डटो कला गांव की छह महीने की बच्ची अपने घर में घायल हो गयी. गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद बच्ची का समय पर इलाज नहीं हो सका, जिससे उसकी मौत हो गयी. गुरुवार को डाटो कला गांव के निवासी संदीप यादव की छह महीने की बेटी लाडली को उसकी मां ने घर के अंदर चौकी पर सुला दिया था. मां घर के बाहर काम कर रही थी, इसी बीच अचानक घर की छत का प्लास्टर टूट कर बच्ची के ऊपर गिर गया. आवाज सुनकर उसकी मां दौड़ कर आयी, तो देखा कि बच्ची बुरी तरह से घायल है. पिता संदीप और समाजसेवी समीर उरांव बच्ची को नजदीकी डाटो कला स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र में लेकर गये, लेकिन, उपस्वास्थ्य केंद्र में कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं था. वहां ताला लगा था. इसके बाद बच्ची को कटकमसांडी सीएससी लाया गया. संदीप ने यह भी बताया कि कटकमसांडी सीएचसी में बिना इलाज सिर्फ रेफर का कागज थमा दिया गया. इस बीच न तो ऑक्सीजन लगाया और न ही प्राथमिक इलाज किया. इसके बाद परिजन उसे शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग लेकर गये, जहां डॉक्टर ने बच्ची को देखकर उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों का कहना है कि बच्ची को दोनों अस्पताल में इलाज नहीं हो पाया, यदि समय पर इलाज होता, तो बच्ची की जान बच जाती. परिजनों ने लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही इस मामले से डीसी और सिविल सर्जन से शिकायत कराने की बात कही है
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