उच्चतम न्यायालय विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में नीट-यूजी की पांच मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी और कदाचार का आरोप लगाने वाली और इसे फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। केंद्र और एनटीए ने शुक्रवार को न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उच्चतम न्यायालय विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में नीट-यूजी की पांच मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी और कदाचार का आरोप लगाने वाली और इसे फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘गंभीर असर’ पड़ सकता है। न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई आठ जुलाई की वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ परीक्षा से संबंधित कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। एनटीए सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट- यूजी का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया।