लेबनान की राजधानी बेरूत में एक प्रमुख एयरस्ट्राइक के दौरान इजरायल ने हिजबुल्ला के शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया। इस ऑपरेशन की सफलता का श्रेय एक गुप्त ईरानी एजेंट द्वारा दी गई जानकारी को दिया जा रहा है, जिसने नसरल्लाह की भूमिगत मौजूदगी के बारे में इजरायली अधिकारियों को बताया।

गुप्त जानकारी से मिली सफलता

फ्रेंच अखबार Le Parisien के मुताबिक, एक ईरानी जासूस ने इजरायल को नसरल्लाह की मौजूदगी के बारे में जानकारी दी, जो बेरूत के दक्षिणी उपनगर दाहिया में एक भूमिगत बंकर में छिपे हुए थे। यह क्षेत्र हिजबुल्ला का गढ़ माना जाता है और वहां बड़े पैमाने पर समर्थन प्राप्त है। नसरल्लाह वहां अपने वरिष्ठ साथियों के साथ एक बैठक कर रहे थे।

इजरायल को यह सूचना शनिवार दोपहर मिली, और इसके कुछ ही घंटों बाद हवाई हमला किया गया। हमला लगभग 1:30 बजे भारतीय समयानुसार (11 बजे लेबनान समय) हुआ, जिसके बाद इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने सोशल मीडिया पर नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की।

हिजबुल्ला के लिए आगे की चुनौतियाँ

इस हवाई हमले ने इजरायल और हिजबुल्ला के बीच तनाव को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। हिजबुल्ला, जो कई दशकों से क्षेत्र में एक प्रमुख सैन्य और राजनीतिक शक्ति रही है, अब अपने शीर्ष नेताओं के नुकसान से उबरने की कोशिश कर रही है।

मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव

इजरायल और हिजबुल्ला के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब हिजबुल्ला ने हमास का समर्थन करना शुरू किया। हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1,205 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजरायल की ओर से शुरू की गई सैन्य कार्रवाई में गाजा में 41,595 से अधिक लोगों की जान गई है, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।

इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमास द्वारा दी गई मौतों का बदला लेने के लिए इन हमलों को और तेज किया जाएगा। इस बीच, हिजबुल्ला अब अपने संगठन में नई रणनीतियों को अपनाने की कोशिश कर रहा है।