16 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 2019 में हुई 69,000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी। कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर रिजर्वेशन पॉलिसी-1981 और रिजर्वेशन एक्ट, 1994 के अनुसार नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि नई मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद भी, यदि कोई शिक्षक प्रभावित होता है, तो उन्हें एकेडमिक सेशन 2024-25 तक नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की सलाह

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विराग गुप्ता ने बताया कि अगर मौजूदा शिक्षकों का नाम नई मेरिट लिस्ट में नहीं आता है, तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाता है, तो किसी की नौकरी नहीं जाएगी।

2019 में भर्ती प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में 69,000 शिक्षक पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। 2019 में 4 लाख 10 हजार कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी, और 2020 में 1 लाख 47 हजार कैंडिडेट्स पास हुए। इनमें से 1 लाख 10 हजार रिजर्व्ड कैटेगरी से थे। इस मेरिट लिस्ट के आधार पर ही चयन किया गया था।

मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी

मेरिट लिस्ट के बाद कुछ कैंडिडेट्स ने OBC आरक्षण के नियमों के पालन में गड़बड़ी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि OBC कैंडिडेट्स को 27% आरक्षण की जगह केवल 3.86% मिला था। कोर्ट ने माना कि भर्ती में आरक्षण के नियमों में गड़बड़ी हुई है, इसलिए नई मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।