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दोषी पाए जाने पर IAS अधिकारी पूजा खेडकर की जा सकती हैं बर्खास्त

Published on July 13, 2024 by Vivek Kumar

विशेषाधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिरीं परिवीक्षाधीन आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर को दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पूजा ने शुक्रवार को मीडिया को कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र में वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी नई भूमिका संभाली। उनका तबादला पुणे से किया गया था, जहां उन्होंने प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही अलग केबिन और कर्मचारी की मांग कर दी थी। इसके अलावा उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया और अपनी निजी महंगी कार पर लाल बत्ती भी लगाई थी। पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाडरे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे 'प्रशासनिक जटिलताओं' से बचने के लिए खेडकर को दूसरे जिले में तैनाती देने पर विचार करें, जिसके बाद विवादास्पद अधिकारी को वाशिम भेज दिया गया। दिवासे ने कनिष्ठ कर्मचारियों के साथ कथित आक्रामक व्यवहार, अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर अवैध कब्जा और महंगी कार पर लाल बत्ती लगाने और दिन के समय इसे लगाकर चलने से संबंधित उल्लंघनों सहित उनके व्यवहार के लिए कार्रवाई की मांग की थी। 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी खेडकर परिवीक्षा पर हैं और वर्तमान में अपने गृह काडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। खेडकर (34) पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों ने कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की एकल सदस्यीय जांच समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रपट देने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा और फिर सेवा में चयन के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की केंद्र द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति द्वारा पुनः जांच की जाएगी। यदि अधिकारी दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें कोई फर्जीवाड़ा किया है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है। खेडकर (34) पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की एकल सदस्यीय जांच समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रपट देने को कहा गया है। लोगों को धमकाने और निजी महंगी कार पर नीली बत्ती लगाने का आरोप पुणे से वाशिम जिले में किया गया अधिकारी का तबादला

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