आज हर तरफ, घर से लेकर कामकाज की जगहों तक में खानपान से लेकर रहन-सहन के तौर-तरीके ऐसे हो गए हैं, जिसमें कब हमारे भीतर का रक्त-प्रवाह अव्यवस्थित हो जाता है और किस गंभीर रोग का कारण बन जाता है, कहा नहीं जा सकता। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हमारा हृदय धमनियों के जरिए खून को शरीर में भेजता है। शरीर की धमनियों में बहने वाले रक्त के लिए एक निश्चित दबाव जरूरी होता है। जब किसी वजह से यह दबाव अधिक बढ़ जाता है, तब धमनियों पर ज्यादा असर पड़ता है। दबाव बढ़ने की वजह से धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य गति के मुकाबले ज्यादा काम करना पड़ता है। इसी स्थिति को उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं। कहने को यह सिर्फ रक्त प्रवाह का मामला लगता है, मगर यह गंभीर रोगों, यहां तक कि हृदयाघात तक का कारण बन सकता है।
रक्तचाप की जड़ें
यों इसका असर कभी-कभार ही दिखता है, मगर इसके असर के लिहाज से देखा जाए तो हर वक्त इसके प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। इसकी शुरुआत खानपान में कुछ ऐसी असंतुलित चीजों को शामिल करने से होती है, जिसे शरीर संभाल पाने में सक्षम नहीं होता है। मन में घुलता तनाव, जीवन के दबाव, मोटापा, शारीरिक श्रम या सक्रियता में कमी, मधुमेह आदि परेशानियों की वजह से भी रक्तचाप उच्च हो जाता है। इसके अलावा, बेलगाम तरीके से नमकीन खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर या अन्य फास्ट फूड, धूम्रपान और शराब के सेवन का सीधा असर रक्तचाप को असंतुलित करने के रूप में सामने आता है।
लक्षणों की पहचान
इसके असर की पहचान इस रूप में की जा सकती है कि व्यक्ति को सिर में दर्द, चक्कर आना, थकावट, तनाव, आंख खराब होने की शुरुआत, गुर्दे के रोग सीने में दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है। साथ ही कभी-कभी सांस लेने में परेशानी, घबराहट होने लगती है। कई बार परिस्थितियों को समझने में दिक्कत होती है और बोलने में भी कठिनाई होती है। पैर अचानक सुन्न हो जा सकता है।
बचाव की राह
अगर असंतुलित भोजन और जीवनशैली के मामले में थोड़ी सावधानी बरती जाए तो रक्त प्रवाह और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है। वजन को नियंत्रित रखने पर सबसे ज्यादा जोर होना चाहिए। शरीर पर ज्यादा जोर दिए जाने के बजाय पंद्रह-बीस मिनट हल्का व्यायाम करना दिनचर्या में शामिल करने से रक्तचाप को सहज बनाए रख सकता है। साबुत अनाज, सब्जियां, फल, सूखे मेवे, कम वसा वाले भोजन से भी उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। हर सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां खाई जा सकती हैं। खट्टे फल, नींबू पानी, सूप, नारियल पानी, सोया, अलसी और काले चने खाने के साथ-साथ पर्याप्त पानी पीने पर ध्यान देना चाहिए। प्याज, मूली, टमाटर, खीरा आदि को सलाद की तरह खाने से रक्तचाप सामान्य रहता है। नंगे पैर सुबह हरी घास पर चलना भी फायदेमंद होता है। दूसरी ओर, गुस्से की स्थिति से बचना, शांत रहना, नमक की मात्रा कम करना, काफी चाय में कमी, धूम्रपान और शराब की मनाही कुछ सामान्य सलाह हैं, जिससे इस परेशानी को कम करने में सहायता मिलती है। मगर उच्च रक्तचाप के असर संवेदनशीलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि अपने स्तर पर इससे बचने के उपायों के साथ-साथ सीने में दर्द और भारीपन महसूस होने, सांस लेने में परेशानी बढ़ने के साथ-साथ जल्द से जल्द चिकित्सक से मिलना चाहिए।