‘अरे मांग लेता तो सब दे देती, पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी’: सुप्रिया सुले ने अजीत पवार की बगावत पर तोड़ी चुप्पी

Supriya Sule broke her silence on Ajit Pawar's rebellion
Supriya Sule broke her silence on Ajit Pawar’s rebellion

महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल के बीच, मुंबई में चल रहे इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एनसीपी प्रमुख सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजीत पवार की बगावत पर बेबाकी से बयान दिया। सुप्रिया ने कहा, “अरे मांग लेता तो सब दे देती, पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी।”

यह बयान तब आया जब अजीत पवार ने एनसीपी में फूट डालते हुए कई विधायकों के साथ बीजेपी गठबंधन में शामिल होकर शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी से दूरी बना ली थी। सुप्रिया ने कहा कि एनसीपी उन्हें पार्टी में रखना चाहती थी, लेकिन उन्होंने अलग रास्ता चुनने का फैसला किया, जिससे उनके और पार्टी के रिश्ते में दरार आ गई।

अजीत पवार को पार्टी की कमान देने पर कोई आपत्ति नहीं

सुप्रिया सुले ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी एनसीपी की लीडरशिप की मांग नहीं की थी और वह पार्टी की कमान अजीत पवार को सौंपने में खुशी महसूस करतीं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी पार्टी की लीडरशिप की मांग नहीं की। अगर अजीत पवार मुझसे मांगते, तो मैं खुशी-खुशी दे देती।”

एनसीपी में फूट और अजीत पवार की भूमिका

अजीत पवार, जो महाराष्ट्र में एनसीपी के बड़े नेता हैं और शरद पवार के भतीजे हैं, ने कुछ विधायकों के साथ मिलकर पार्टी से अलग होने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हो गए। अब वह आगामी विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी के साथ बातचीत में लगे हुए हैं।

सुप्रिया सुले के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, जहां अजीत पवार और शरद पवार के बीच की दूरियां साफ नज़र आ रही हैं।

क्या भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में आएंगी सुप्रिया सुले?

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सुप्रिया सुले से यह भी पूछा गया कि क्या वह राष्ट्रीय राजनीति के लिए अधिक उपयुक्त हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया, “यह समय बताएगा। हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और सही नतीजे देने के लिए काम करना होगा।”

यह बयान उस वक्त आया है जब एनसीपी में फूट और नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में पार्टी किस दिशा में जाती है।

Leave a Comment