रिम्स में 310 बेड के आश्रय गृह का उद्घाटन आज, तैयारी पूरी

रिम्स में पावर ग्रिड द्वारा तैयार 310 बेड के आश्रय गृह का उदघाटन मंगलवार की शाम 5.30 बजे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर करेंगे. इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है. सोमवार को आश्रयगृह बिल्डिंग के बाहर टेंट लगाया गया. वहीं, आश्रय गृह को भी सजाया गया है. उघाटन के बाद ऊर्जा मंत्री भवन की व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे. अतिथि में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी शामिल होंगे. वहीं, उद्घाटन के साथ ही यह बिल्डिंग रिम्स को हैंडओवर कर दी जायेगी. अब इसे कैसे संचालित करना है, इस पर फैसला रिम्स को लेना है. हालांकि अभी रिम्स के सामने दोनों विकल्प हैं कि वह आश्रय गृह का संचालन खुद करे या आउटसोर्सिंग से इसका संचालन हो. शुल्क का निर्धारण भी रिम्स को करना है. बिल्डिंग के मेंटेनेंस के लिए एक बेड का शुल्क 50 रुपये निर्धारित किया जा सकता है. बताते चलें कि आश्रय गृह का निर्माण डेंटल कॉलेज के पीछे किया गया है. वर्ष 2019 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इसे 14 माह में बनाकर हैंडओवर करना था, लेकिन कोरोना के कारण दो साल तक इसका कार्य प्रभावित रहा. यह बिल्डिंग पांच मंजिला है. इसके एक कमरे में छह से आठ बेड आसानी से लगाये जा सकते हैं. मरीज के परिजनों को सस्ती दर पर भोजन देने के लिए किचन भी बनाया गया है

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर करेंगे उ‌द्घाटन

कोरोना के कारण दो साल तक कार्य प्रभावित होने से बिल्डिंग 2023 में तैयार हो पायी

शासी परिषद की बैठक आज, 24 बिंदुओं पर होगा फैसला

रांची. रिम्स शासी परिषद की 58 वीं बैठक मंगलवार को अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में होगी. इसमें 24 एजेंडों पर फैसला लिया जायेगा. इस मौके पर मुख्य मुद्दों में 60 साल पुरानी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार करने और परिसर का एक साथ कायाकल्प करने पर निर्णय लिया जायेगा. इसके अलावा एमआरआइ मशीन की खरीदारी में सिंगल टेंडर के आड़े आने की समस्या को दूर कर रिपीट ऑर्डर पर मशीन खरीदने का फैसला लिया जायेगा. इसके अलावा सेंट्रल लैब को 24 घंटे संचालित करने के लिए मैनपावर और कुछ मशीन मंगाने, ट्रेंडर प्रक्रिया सहित योजना को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना करने, हॉस्पिटल मैनेजर की नियुक्ति और अध्यक्ष व निदेशक की वित्तीय शक्ति को बढ़ाने पर भी निर्णय होगा. इसके अलावा चिकित्सकों के बौद्धिक विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार आयोजित करने पर भी निर्णय होगा.