नई दिल्ली। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Limited) का बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) आज शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुआ, लेकिन निवेशकों को उम्मीद के विपरीत निराशा हाथ लगी। 1960 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले, यह 1.33% डिस्काउंट के साथ 1934 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ। इस लिस्टिंग से निवेशकों को शुरुआती मुनाफे की जगह नुकसान झेलना पड़ा। हालांकि, लिस्टिंग के बाद थोड़ी खरीदारी देखने को मिली, लेकिन यह बाजार में अपेक्षाओं से कमतर साबित हुई।
रिटेल निवेशकों का ठंडा रिस्पॉन्स
हुंडई के इस आईपीओ को लेकर काफी चर्चा थी, खासकर इसके साइज और वैल्यूएशन को लेकर। हालांकि, रिटेल निवेशकों ने ऊंचे वैल्यूएशन और अन्य कारणों से इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। रिटेल कैटेगरी में इसे केवल 50% सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि कुल सब्सक्रिप्शन 2.37 गुना हुआ। रिटेल इन्वेस्टर्स ने इस आईपीओ से दूरी बनाए रखी, जिससे लिस्टिंग पर भी इसका असर दिखा।
ग्लोबल एनालिस्ट का बुलिश रुख
हालांकि, हुंडई को लेकर ग्लोबल एनालिस्ट का नजरिया सकारात्मक बना हुआ है। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने हुंडई को ‘BUY’ रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 2,472 रुपये रखा है। दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलियाई निवेश बैंक मैक्वायरी ने हुंडई को ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 2,235 रुपये तय किया है, जो इश्यू प्राइस के मुकाबले लगभग 26% ज्यादा है।
भारतीय कार बाजार में बड़ी संभावनाएं
नोमुरा और मैक्वायरी जैसे एनालिस्ट्स का मानना है कि भारतीय कार बाजार में तेजी से बढ़ने की क्षमता है। भारत में हर 1000 लोगों में से केवल 36 लोगों के पास कार है, जिससे आने वाले वर्षों में ग्रोथ की उम्मीद है। हुंडई इंडिया वित्तीय वर्ष 2025-27 के बीच 8% वॉल्यूम ग्रोथ की संभावना जता रही है और इस दौरान 7-8 नए मॉडल भी पेश करेगी। कंपनी की पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में अपनी स्थिति को मजबूत करने की योजना है।
IPO से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
हुंडई का आईपीओ 15 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और 17 अक्टूबर को बंद हुआ। इसका इश्यू प्राइस 1960 रुपये रखा गया था, लेकिन इसे अपेक्षित सब्सक्रिप्शन नहीं मिल सका। खासतौर पर रिटेल कैटेगरी में निवेशकों का ठंडा रिस्पॉन्स रहा। इसके अलावा, यह आईपीओ पूरी तरह से ‘ऑफर फॉर सेल’ था, जिसका मतलब है कि आईपीओ से मिलने वाला सारा पैसा प्रमोटरों को जाएगा और इसका इस्तेमाल कंपनी के कारोबार को बढ़ाने में नहीं किया जाएगा।
कमजोर सब्सक्रिप्शन के पीछे की वजह
हुंडई के आईपीओ के कमजोर प्रदर्शन की कई वजहें मानी जा रही हैं। ऑटो सेक्टर में मंदी, ऊंचा वैल्यूएशन, और ऑफर फॉर सेल का स्ट्रक्चर कुछ प्रमुख कारण रहे। इसके साथ ही, जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) नेगेटिव में चला गया था, जिससे आईपीओ पर सब्सक्रिप्शन प्रभावित हुआ। इन सब कारकों के कारण निवेशकों का विश्वास इस आईपीओ में कम रहा और लिस्टिंग के दिन ही इसका प्रदर्शन कमजोर रहा।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में बाजार में हुंडई का प्रदर्शन किस दिशा में जाता है, लेकिन शुरुआती संकेत निवेशकों के लिए अच्छे नहीं रहे।