I.N.D.I.A. गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं, रांची में लगे पोस्टर- “शेरदिल सोरेन फिर आ गया”
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों ने हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को बड़ी जीत दिलाई है। 23 नवंबर को घोषित नतीजों में I.N.D.I.A. गठबंधन ने 81 सीटों में से 56 सीटों पर कब्जा जमाया। भाजपा गठबंधन को सिर्फ 24 सीटें मिलीं।
बहुमत के आंकड़े को पीछे छोड़ा
I.N.D.I.A. ब्लॉक ने बहुमत के लिए जरूरी 41 सीटों से 15 अधिक सीटें जीतीं। JMM ने अकेले 34 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और राजद ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की।
वोट शेयर का खेल
हालांकि, भाजपा का वोट शेयर JMM से ज्यादा 33.20% रहा, लेकिन सीटों के मामले में JMM ने बाजी मार ली। JMM का वोट शेयर 23.47% रहा।
सोरेन की लोकप्रियता
चुनाव परिणाम के बाद रांची में “शेरदिल सोरेन फिर आ गया” के पोस्टर लगने लगे। सोरेन ने कहा, “यह जीत जनता के विश्वास और गठबंधन की एकजुटता का परिणाम है।”
महिलाओं और दलबदलुओं का प्रदर्शन
- महिलाएं: 128 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ 12 जीत सकीं।
- दलबदलू: 27 दलबदलुओं में से 19 हार गए।
हेमंत सरकार की नीतियों से मिली बढ़त
हेमंत सोरेन ने कई जनहितकारी फैसले किए, जो उनकी जीत में महत्वपूर्ण साबित हुए:
- मंईयां योजना: योजना की राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करना।
- किसानों का कर्ज माफ: 400 करोड़ रुपये की लागत से किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ।
- बिजली बिल माफी: हर महीने 200 यूनिट बिजली की खपत पर बिल माफ।
भाजपा के मुद्दे नहीं चले
भाजपा ने चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ को बड़ा मुद्दा बनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इसे प्रमुखता से उठाया, लेकिन यह जनता को रास नहीं आया।
झारखंड में हेमंत की पकड़ मजबूत
हेमंत सोरेन लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उनकी पार्टी ने 34 सीटें जीतीं, जिससे वह गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
भविष्य की रणनीति
हेमंत सोरेन ने साबित कर दिया है कि जनता के बीच उनकी पकड़ मजबूत है। उनकी नीतियों और विकास योजनाओं ने उन्हें एक भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित किया है।
झारखंड चुनाव के नतीजे राज्य की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत करते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार के आगे चुनौतियां तो होंगी, लेकिन उनकी नीतियां और जनता का विश्वास उनके साथ है।