खादी मेला 2024: रांची में 20 दिसंबर से 6 जनवरी तक, सीएम हेमंत सोरेन करेंगे उद्घाटन

झारखंड की राजधानी रांची में खादी, हस्तशिल्प और सरस मेला 2024 का आयोजन 20 दिसंबर से 6 जनवरी तक किया जाएगा। यह मेला रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगा और इस क्षेत्र के सबसे बड़े सांस्कृतिक और व्यापारिक मेलों में से एक है। उद्घाटन समारोह का नेतृत्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे, जिनके साथ उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

मेला का महत्व
यह मेला न केवल स्थानीय कारीगरों के लिए अपनी कला और उत्पादों को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का भी अवसर देता है। खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस मेले का उद्देश्य झारखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।


मुख्य आकर्षण

  1. स्टॉल और प्रदर्शनी
    • मेले में देशभर से 400-500 स्टॉल लगाए जाएंगे।
    • झारखंड के खादी और हस्तशिल्प उत्पादों के साथ अन्य राज्यों की हस्तकला, वस्त्र, और सजावटी वस्तुओं की प्रदर्शनी होगी।
    • सुमन पाठक (CEO, खादी बोर्ड) के अनुसार, अब तक 300 स्टॉल की बुकिंग हो चुकी है, और आवेदन प्रक्रिया 8 दिसंबर तक जारी है।
  2. फूड स्टॉल और मनोरंजन
    • मेले में विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए फूड स्टॉल लगाए जाएंगे।
    • बच्चों और परिवारों के लिए मनोरंजन के विशेष इंतजाम जैसे झूले, खेल गतिविधियां, और लाइव प्रदर्शन होंगे।
  3. सांस्कृतिक कार्यक्रम
    • हर शाम, मेले में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, लोक नृत्य, संगीत, और नाट्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
    • झारखंड की स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
  4. झारखंड के कारीगरों को प्रमुखता
    • स्थानीय कारीगरों के लिए यह मेला अपनी कला और उत्पादों को दिखाने और बेचने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
    • खादी और हस्तशिल्प उत्पादों की विशेष प्रदर्शनी झारखंड की पहचान को और मजबूत करेगी।

सुविधाएं और व्यवस्थाएं

  1. आवास और सुरक्षा:
    • आयोजकों ने मेले के प्रतिभागियों और आगंतुकों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
    • बाहर से आने वाले कारीगरों के लिए आवास व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
  2. परिवहन और पार्किंग:
    • मेला स्थल तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था होगी।
    • आगंतुकों के लिए विशाल पार्किंग एरिया उपलब्ध रहेगा।
  3. डिजिटल भुगतान और सुविधाएं:
    • स्टॉल पर डिजिटल भुगतान की सुविधा होगी, जिससे आगंतुक ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे।
    • मेले में जानकारी काउंटर और हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे।

खादी मेले का उद्देश्य और प्रभाव

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन:
    यह मेला स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों को उनकी कला और उत्पादों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
  • झारखंड की पहचान:
    झारखंड के खादी और हस्तशिल्प उत्पादों की प्रमुखता से राज्य की संस्कृति और परंपरा को वैश्विक पहचान मिलेगी।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक संगम:
    यह मेला विविध संस्कृतियों का संगम होगा, जहां लोग विभिन्न राज्यों की कला और परंपराओं से परिचित हो सकेंगे।

समापन

खादी मेला 2024 न केवल एक व्यापारिक आयोजन है, बल्कि यह झारखंड और देशभर की सांस्कृतिक और कारीगर परंपराओं का उत्सव है। स्थानीय कारीगरों, आगंतुकों और व्यापारिक प्रतिनिधियों के लिए यह मेला एक अनूठा अवसर होगा।
अगर आप झारखंड की कला, संस्कृति और स्वाद का आनंद लेना चाहते हैं, तो 20 दिसंबर से 6 जनवरी के बीच मोरहाबादी मैदान का दौरा जरूर करें।