Krishna Janmabhoomi dispute Allahabad High Court allows trial to proceed
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी 18 याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना है, जिससे इन मामलों को उनकी मेरिट पर सुना जा सकेगा। यह फैसला इस लंबे समय से चल रहे विवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है, जिसमें हिंदू समूहों का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मानी जाने वाली भूमि पर बनाई गई थी।
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि हिंदू उपासकों और देवता द्वारा दायर किए गए मुकदमे लिमिटेशन एक्ट या पूजा स्थल अधिनियम के तहत अवरोधित हैं। हिंदू वादी का कहना है कि मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर स्थित मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था, और वे शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और मंदिर को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को निर्धारित की गई है, जहां कोर्ट हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमों पर विचार करेगी। यह विकास मई 2022 में मथुरा जिला न्यायालय द्वारा यह माने जाने के बाद आया है कि मुकदमा सुनवाई योग्य है और एक सिविल कोर्ट के आदेश को पलट दिया गया था जिसने मुकदमे को खारिज कर दिया था। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त करने के हाईकोर्ट के निर्देश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।
कृष्ण जन्मभूमि विवाद दशकों से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समूहों ने भूमि पर अपने दावे किए हैं। आगामी सुनवाई मामले में एक महत्वपूर्ण क्षण होने की उम्मीद है, क्योंकि कोर्ट का निर्णय विवाद के समाधान के लिए दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।