लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्ट ग्रुप्स सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं: FATF रिपोर्ट
Published on September 19, 2024 by
Vivek Kumar
नई दिल्ली: वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण की निगरानी करने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि वामपंथी चरमपंथी समूह सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, इन समूहों ने कुछ जगहों पर आंशिक या पूर्ण रूप से सफलता पाई है, लेकिन भारत में ऐसा करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व के कारण लगभग असंभव है।
भारत के लिए प्रमुख चुनौतियाँ
FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से प्रमुख खतरे जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आईएसआईएस और अलकायदा से जुड़े समूहों से जुड़े हैं। इसके अलावा, देश के उत्तर-पूर्व और उत्तर में चल रहे क्षेत्रीय विद्रोह और वामपंथी चरमपंथी समूह भी भारत के लिए बड़ी चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं।
FATF की भूमिका और महत्व
FATF, जिसकी स्थापना 1989 में हुई थी, अंतर्राष्ट्रीय मानक स्थापित करने वाली एक प्रमुख अंतर-सरकारी संस्था है, जो आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए वैश्विक समाज की मदद करती है। यह 40 सदस्यीय निकाय देशों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय विधायी और नियामक सुधारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
वैश्विक समुदाय के लिए चेतावनी
FATF की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के खिलाफ कोई भी गुप्त हमला वैश्विक समुदाय के लिए हानिकारक होगा, जिससे खाद्य सुरक्षा को खतरा होगा और लोकतंत्र को चुनौती मिलेगी। इस रिपोर्ट में भारत के अलावा अन्य देशों में भी वामपंथी चरमपंथ की समस्या को उजागर किया गया है, विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों में।
मोदी सरकार की सराहना
FATF ने अपनी रिपोर्ट में भारत की मोदी सरकार की आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की है। इसमें हुर्रियत मामला भी शामिल है, जहां आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
निष्कर्ष: FATF की इस रिपोर्ट को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से लेना आवश्यक है, ताकि वामपंथी चरमपंथी समूहों के देश-विरोधी गतिविधियों को रोका जा सके।
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