कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की वजह से ही संभव हो पाई। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि कई बाघ अभयारण्य आज गंभीर खतरे में हैं, जिनमें से कुछ जलवायु परिवर्तन से जुड़ी अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं, जबकि कुछ पर बुनियादी ढांचे के नाम पर गलत सोच वाली परियोजनाओं का दबाव है।
कांग्रेस महासचिव और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि 29 जुलाई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि यह दिन एक अप्रैल, 1973 को कॉर्बेट नेशनल पार्क से शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की बड़ी सफलता का प्रतीक है। प्रारंभ में परियोजना के तहत नौ बाघ अभयारण्यों की पहचान की गई थी, लेकिन आज इनकी संख्या 55 हो गई है।
रमेश ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ केवल एक महिला की वजह से वास्तविकता बन सका, जो एक भावुक प्रकृतिवादी थीं और जिनका मानना था कि बाघों की रक्षा करके हम अपने समृद्ध वन पारिस्थितिकी तंत्र को भी संरक्षित और समृद्ध करेंगे। इस प्रयास में भारत और विदेशों के कई समर्पित संरक्षणवादियों ने सहयोग किया था।