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महबूबा मुफ्ती की बड़ी टिप्पणी: बांग्लादेश से सीखें, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे गंभीर हैं

Published on August 8, 2024 by Vivek Kumar

[caption id="attachment_11715" align="alignnone" width="976"]Mehbooba Mufti's big comment 'Learn from Bangladesh, the issues of unemployment and inflation are serious' Mehbooba Mufti's big comment 'Learn from Bangladesh, the issues of unemployment and inflation are serious'[/caption] जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने युवाओं को बांग्लादेश की स्थिति से सबक लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उससे भारत को भी सीखना चाहिए। बांग्लादेश में बड़ी युवा आबादी की उपेक्षा, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों ने गंभीर हालात पैदा किए हैं। महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के युवाओं की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि यहां के युवाओं के पास भी कई मुद्दे हैं और हमें बांग्लादेश की स्थिति से सबक लेना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि जब आपके पास बड़ी युवा आबादी होती है और आप उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं, तो ऐसे हालात उत्पन्न होते हैं जैसे बांग्लादेश में हुए हैं। उन्होंने कहा, "आरक्षण कमजोर वर्ग के लिए अच्छा है, लेकिन यह जनसंख्या के अनुपात में होना चाहिए। हमें बांग्लादेश से यह सीखना चाहिए कि तानाशाही लंबे समय तक नहीं चलती है और लोगों के धैर्य की सीमा टूट जाती है।" महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें बढ़ते विरोध के कारण इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ना पड़ा। महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के विशेष संदर्भ में कहा कि यहां के युवाओं के पास बहुत सारे मुद्दे हैं और वे असहाय महसूस कर रहे हैं, जैसा कि बांग्लादेश में हुआ था। उन्होंने शोषण, दबाव और यूएपीए के मुद्दों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों को बदलने की जरूरत है, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश की स्थिति यहां नहीं दोहराई जाएगी। बता दें कि बांग्लादेश वर्तमान में राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। आरक्षण के खिलाफ छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह किया, जिसके बाद स्थिति गंभीर हो गई। 5 अगस्त को शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा। बांग्लादेश में छात्र मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जो एक बड़े आंदोलन में बदल गया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम प्रशासन के गठन के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा की है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

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